Jharkhand: कांग्रेस नेता एबी राय के निधन पर पार्टी के नेताओं ने जताया शोक
Bokaro News Jharkhand Congress Hindi Samachar वित्त मंत्री डाॅ. रामेश्वर उरांव ने अपने शोक संदेश में कहा है कि एबी राय के निधन से कांग्रेस पार्टी को अपूरणीय क्षति हुई है। वे काफी सरल मृदुभाषी एवं मिलनसार व्यक्ति थे।
रांची, राज्य ब्यूरो। Bokaro News, Jharkhand Congress, Hindi Samachar कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बोकारो निवासी एबी राय के निधन पर कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। झारखंड प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी आरपीएन सिंह ने राय के भतीजे और बोकारो विधानसभा युवा कांग्रेस के अध्यक्ष आशुतोष राय को फोन कर शोक संवेदना प्रकट की। इधर, झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह वित्त मंत्री डाॅ. रामेश्वर उरांव ने अपने शोक संदेश में कहा है कि एबी राय के निधन से कांग्रेस पार्टी को अपूरणीय क्षति हुई है। वे काफी सरल, मृदुभाषी एवं मिलनसार व्यक्ति थे।
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश एवं राजेश ठाकुर ने संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि एबी राय का निधन कांग्रेस पार्टी के लिए अत्यंत दुखद है। एबी राय प्रदेश कांग्रेस कमेटी में विभिन्न पदों पर कार्य किए थे। पार्टी उनके कार्यों को कभी नहीं भूलेगी। पार्टी की ओर से राजेश ठाकुर अंत्येष्टि कार्यक्रम में शामिल भी हुए। शोक संवेदना व्यक्त करने वालों में से झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, कृषि मंत्री बादल, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, विधायक कुमार जयमंगल, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दुबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव, राजीव रंजन प्रसाद, राकेश सिन्हा, कुमार राजा, युवा कांग्रेस अध्यक्ष कुमार गौरव, आदित्य विक्रम जायसवाल आदि प्रमुख नेता शामिल हैं।
पत्रकारों को फ्रंटलाइन वॉरियर घोषित करे सरकार : सुबोधकांत
कांग्रेस के वरीय नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने राज्य के पत्रकारों को फ्रंटलाइन वॉरियर घोषित कर दिवंगत पत्रकारों के आश्रितों को आर्थिक सहयोग हेतु जल्द पहल करने की मांग की है। मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उन्होंने कहा है कि पत्रकार वर्ग आर्थिक रूप से बहुत ही कमजोर वर्ग है। इसलिए मेरा पुन: निवेदन है कि राज्य सरकार इनकी सहायक बने। हाल के दिनों में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते-करते कई पत्रकारों की मृत्यु हुई है। पत्रकार मृत्युंजय श्रीवास्तव और सुनील सिंह के निधन ने तो हमें अंदर तक हिला दिया है। ऐसे कई युवा पत्रकार पहले भी अपनी जान गंवा चुके हैं। उनके परिवारों के बारे में सोच कर बहुत दुख होता है। कई राज्यों ने न सिर्फ पत्रकारों बल्कि हॉकरों तक के लिए मदद की घोषणाएं की हैं। उन्होंने हेमंत सोरेन से मदद करने की गुहार लगाई है।