रांची के कांके में हुए सरकारी जमीन घोटाले की होगी एसीबी जांच, सीएम हेमंत सोरेन ने दिया आदेश

रांची के कांके अंचल स्थित लगभग 25 एकड़ सरकारी जमीन घोटाले का मामला

By JagranEdited By: Publish:Wed, 09 Dec 2020 01:19 AM (IST) Updated:Wed, 09 Dec 2020 01:19 AM (IST)
रांची के कांके में हुए सरकारी जमीन घोटाले की होगी एसीबी जांच, सीएम हेमंत सोरेन ने दिया आदेश
रांची के कांके में हुए सरकारी जमीन घोटाले की होगी एसीबी जांच, सीएम हेमंत सोरेन ने दिया आदेश

राज्य ब्यूरो, रांची : रांची जिले के कांके अंचल स्थित नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के पीछे स्थित जुमार नदी और उसके आसपास के सरकारी जमीन घोटाले मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज कर जांच करने के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंजूरी दे दी है। एसीबी को अधिकतम 45 दिनों के भीतर इस घोटाले की जांच कर प्रारंभिक रिपोर्ट देने को कहा गया है। मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि सरकारी जमीन और जुमार नदी को अतिक्रमित करने तथा बेचने से संबंधित तैयारी में शामिल सरकारी पदाधिकारियों, कर्मचारियों और जमीन माफियाओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।

राज्य सरकार ने कांके के अंचल अधिकारी अनिल कुमार को घोटाले का दोषी पाते हुए निलंबित कर दिया है। इस बाबत रांची के उपायुक्त की रिपोर्ट के बाद राज्य सरकार ने यह निर्णय किया। उल्लेखनीय है कि दैनिक जागरण ने सरकारी जमीन घोटाले से संबंधित यह मामला प्रकाश में लाया। उजागर किया गया कि कांके लॉ कॉलेज से सटे रिग रोड के किनारे करीब 25 एकड़ जमीन को प्लॉटिग कर बेचने की तैयारी की जा रही है। साथ ही जमीन माफिया द्वारा जुमार नदी के किनारे को मिट्टी डालकर भरने एवं जेसीबी से समतल करने का कार्य किया जा रहा है। यहां लगभग 20.59 एकड़ जमीन गैर मजररूआ प्रकृति की है, जिसमें 20.20 एकड़ भूमि खतियान में नदी के रूप में दर्ज है।

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रांची डीसी ने अपर समाहर्ता, भू हदबंदी से कराई जांच : रांची के उपायुक्त ने यह मामला सामने आने के बाद अपर समाहर्ता, भू हदबंदी से इसकी जांच कराई। अपर समाहर्ता ने जांच के बाद उपायुक्त को अपनी रिपोर्ट सौंपी। इस रिपोर्ट में उन्होंने कहा कि यहां की खाता संख्या के अंतर्गत आने वाले कुछ प्लॉट बकास्त भूइहरी जमीन खतियान में दर्ज है और खाता संख्या 142 प्लॉट संख्या 2309 गैर मजरुआ मालिक प्रकृति की भूमि है, जो बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के लिए अर्जित है। लगभग 20.59 एकड़ जमीन गैर मजरुआ मालिक प्रकृति की है। नदी के रुप में दर्ज 20.20 एकड़ जमीन के अंश भाग पर रिवर व्यू गार्डेन के प्रोपराइटर कमलेश कुमार द्वारा मिट्टी भरवाकर समतलीकरण का कार्य कराया जा रहा है।

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घोटाले में कांके के अंचल अधिकारी संलिप्त : उपायुक्त ने जिला प्रशासन द्वारा इस जमीन घोटाले की कराई गई जांच रिपोर्ट भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग को सौंपा। इसमें जिक्र है कि जमीन माफिया द्वारा सरकारी जमीन के अतिक्रमण में कांके अंचल के अंचल पदाधिकारी अनिल कुमार की संलिप्तता है। सरकारी जमीन का संरक्षण होने के बावजूद भी अंचल अधिकारी द्वारा सरकारी जमीन और नदी को भरने के मामले को नजरअंदाज करना उनके इस घोटाले में शामिल होने को इंगित करता है। इतना ही नहीं, कांके अंचल अधिकारी द्वारा इस साल 10 नवंबर को ई- मेल के माध्यम से प्रतिबंधित भूमि की जो सूची उपलब्ध कराई गई है, उसमें उपरोक्त सरकारी भूमि को प्रतिबंधित सूची में नहीं डाला गया है, जिसमें भू माफियाओं द्वारा कब्जा किया जा रहा है।

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अंचल अधिकारी ने नहीं दिया स्पष्टीकरण का जवाब :

रांची के उपायुक्त ने रिपोर्ट के माध्यम से कांके के अंचल अधिकारी अनिल कुमार के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की है। उन्होंने रिपोर्ट में कहा है कि कांके अंचल अधिकारी से इस जमीन घोटाले के मामले में स्पष्टीकरण की मांग की गई, लेकिन उनके द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया है। यह उनकी स्वेच्छाचारिता, अनुशासनहीनता और उच्च अधिकारी के आदेश की अवहेलना है। कांके अंचल अधिकारी को निलंबित करते हुए उनकी सेवा कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग को वापस की जा सकती है। उपायुक्त ने अपनी रिपोर्ट में दर्ज प्राथमिकी पर त्वरित अनुसंधान करते संलिप्त सरकारी पदाधिकारी, कर्मी और जमीन दलालों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की अनुशंसा की है।

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