CM हेमंत सोरेन का बड़ा हमला, PM नरेंद्र मोदी हमसे बात करके अपनी TRP बढ़ाते हैं...

Narendra Modi vs Hemant Soren झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पॉलिटिकल टीआरपी के लिए राज्यों के मुख्यमंत्रियों से फोन पर बात करते हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने संकट की घड़ी में राज्यों को उनके हाल पर छोड़ दिया है।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Fri, 28 May 2021 02:12 AM (IST) Updated:Fri, 28 May 2021 05:42 AM (IST)
CM हेमंत सोरेन का बड़ा हमला, PM नरेंद्र मोदी हमसे बात करके अपनी TRP बढ़ाते हैं...
Narendra Modi vs Hemant Soren: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़ा हमला बोला है।

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। Narendra Modi vs Hemant Soren झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक दफा फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। गुरुवार को निजी न्यूज चैनलों से बातचीत में उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने संकट की घड़ी में राज्यों को उनके हाल पर छोड़ दिया है। उन्हें ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पॉलिटिकल टीआरपी के लिए राज्यों के मुख्यमंत्रियों से फोन पर बात करते हैं। उनके समक्ष मुख्यमंत्रियों को न तो अपने राज्य की समस्याएं रखने का समय दिया जाता है, न ही कोरोना संक्रमण को लेकर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री की ओर से स्पष्ट समाधान बताया जाता है।

हेमंत सोरेन ने कहा कि देश भयंकर तूफान में फंसा हुआ है। संकट का यह दौर सभी के लिए है। यह समय मिलकर समस्या से बाहर निकलने की है। राजनीतिक दुश्मनी के लिए आगे और वक्त मिलेगा। वैश्विक महामारी में दवाएं, ऑक्सीजन और सारे संसाधन केंद्र सरकार राज्यों को उपलब्ध कराती है। झारखंड को भी अभिभावक की तरह केंद्र को मदद पहुंचाना चाहिए था, लेकिन राज्यों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है।

सीएम ने कहा कि राज्यों को केंद्र से सुविधा के नाम पर केवल चर्चा का कोरम पूरा किया जाना गलत है। कई चीजों में गैर-भाजपा शासित राज्य होने के कारण झारखंड के साथ राजनीति साफ दिखती है। झारखंड देश को सर्वाधिक आक्सीजन देने वाला राज्य है, लेकिन अपनी ही सीमा में उत्पादित ऑक्सीजन के लिए केंद्र सरकार को अलॉटमेंट भेजकर अनुमति लेनी पड़ती है।

उन्होंने इस बाबत केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी बात भी की थी, लेकिन उन्होंने भी अलॉटमेंट भेजने की बात कही। सीमा सड़क संगठन में काम कर रहे झारखंड के श्रमिकों की आपदा में मौत के बाद उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एवं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से शवों को झारखंड पहुंचाने में मदद की गुहार लगाई थी, लेकिन स्पष्ट जानकारी नहीं मिलने के कारण श्रमिकों का शव अपने संसाधन से एयरलिफ्ट कराना पड़ा। ऐसी ही स्थिति नेपाल में फंसे श्रमिकों के साथ भी दोहराई गई।

कोरोना से निपटने को दूसरे चरण की तैयारी में केंद्र सरकार से चूक हुई। देश के ज्यादातर राज्यों ने लॉकडाउन को अपने-अपने तरीके से लागू किया है। प्रधानमंत्री की जिला उपायुक्तों के साथ कोरोना संक्रमण पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्रियों को समय की उपलब्धता के आधार पर मौजूद रहने के लिए कहा गया था। जिला उपायुक्तों से पीएमओ का बात करना और सीएम को बोलने का अवसर नहीं देना संघीय ढांचे में असंतुलन पैदा करता है। यह अच्छी परंपरा नहीं है।

अभी तक रेमडेसिविर आयात की नहीं मिली अनुमति

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज तक झारखंड को रेमडेसिविर आयात करने की अनुमति केंद्र सरकार से नहीं मिली। झारखंड सरकार ने निश्शुल्क वैक्सीन देने का निर्णय किया है। उनकी कोशिश वैक्सीन आयात करने की है। 18 से 44 उम्र वालों के लिए प्रतिमाह 12 लाख वैक्सीन की जरूरत है। केंद्र सरकार से केवल डेढ़ लाख वैक्सीन मिल रही है। काफी कम वैक्सीन मिलने से राज्य में टीकाकरण अभियान को गति देने में कठिनाई आ रही है। 

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