झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा- राज्य में हेल्थ कारिडोर बनाने की हो रही पहल

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि राज्य में हेल्थ कारिडोर बनाने की दिशा में सरकार कार्य कर रही है ताकि राज्य के हर व्यक्ति को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके। हेल्थ कारिडोर का कांसेप्ट सिर्फ कोरोना महामारी तक सीमित नहीं होगा।

By Vikram GiriEdited By: Publish:Wed, 09 Jun 2021 01:49 PM (IST) Updated:Wed, 09 Jun 2021 01:49 PM (IST)
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा- राज्य में हेल्थ कारिडोर बनाने की हो रही पहल
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा- राज्य में हेल्थ कारिडोर बनाने की हो रही पहल। जागरण

रांची, राज्य ब्यूरो । मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि राज्य में हेल्थ कारिडोर बनाने की दिशा में सरकार कार्य कर रही है ताकि राज्य के हर व्यक्ति को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके। हेल्थ कारिडोर का कांसेप्ट सिर्फ कोरोना महामारी तक सीमित नहीं होगा, बल्कि ग्रामीण इलाकों में व्याप्त अन्य बीमारियों के इलाज के लिए भी यह कारगर साबित होगा। मुख्यमंत्री ने ये बातें मंगलवार को बोकारो के वेदांता ग्रुप के 100 बेड वाले अस्पताल के ऑनलाइन उदघाटन के क्रम में कही।

मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर आयोजित इस कार्यक्रम में कहा कि इस अस्पताल के चालू होने से बोकारो के अलावा अन्य निकटवर्ती जिलों के लोगों को भी फायदा होगा। उन्होंने कहा कि कोरोनो से निपटने कि लिए हमारी सरकार ने जो रणनीति बनाई वह काफी कारगर साबित हो रही। जहां हम पहली लहर को काबू में करने में कामयाब रहे, वहीं दूसरी लहर में पूरी ताकत और क्षमता के साथ कोरोना का मुकाबला कर रहे हैं। इतना ही नहीं, तीसरे लहर की आशंका के मद्देनजर रुपरेखा बनाने के साथ तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा। इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, विकास आय़ुक्त सह अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, एनएचएम के अभियान निदेशक रविशंकर शुक्ला उपस्थित थे। वहीं, वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल और अस्पताल से जुड़े अन्य प्रबंधक ऑनलाइन मौजूद थे।

दूसरे राज्यों से इलाज कराने झारखंड आए लोग

मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरी लहर जब पूरे चरम पर था तो पूरे देश में आक्सीजन युक्त बेड और वेंटिलेटर के लिए हाहाकार था। लेकिन झारखंड में हालात काफी हद तक काबू में थे। इसी कारण, दूसरे राज्यों में ऑक्सीजन युक्त तथा वेंटिलेटर बेड नहीं होने पर वहां के लोगों ने झारखंड आकर इलाज कराया। झारखंड ने दूसरे राज्यों को आक्सीजन भी उपलब्ध कराया।

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