Jharkhand News: मुख्यमंत्री ने कांके की आदिवासी जमीन के दस्तावेज से छेड़छाड़ की जांच का दिया आदेश
Jharkhand CM Hemant Soren Hindi News कांके अंचल के बुकरू मौजा में खाता नंबर 169 प्लाट नंबर 177 में 4.14 एकड़ आदिवासी जमीन है। जमीन माफिया ने आनलाइन दस्तावेजोंं में छेड़छाड़ की। अस्वीकृत दाखिल खारिज को स्वीकृत दिखाकर म्यूटेशन कराया।
रांची, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कांके अंचल के बुकरू मौजा में सरकारी दस्तावेज में छेड़छाड़ कर म्यूटेशन करा लिए जाने के मामले की सीआइडी या साइबर अपराध थाने के माध्यम से जांच कराने का आदेश दिया है। हाल ही में यह मामला सामने आया था कि जमीन माफिया ने रांची के कांके अंचल के बुकरु मौजा में स्थित खाता नंबर 169 के प्लाट नंबर 177 की 4.14 एकड़ आदिवासी जमीन के दस्तावेज से छेड़छाड़ कर म्यूटेशन करा लिया है।
माफिया ने विभाग के लोगों से मिलीभगत कर आनलाइन खतियान व पंजी-टू में छेड़छाड़ कर अस्वीकृत दाखिल खारिज को भी स्वीकृत दिखाकर म्यूटेशन करा लिया है। प्रारंभिक जांच में खुलासे के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव एल. खियांग्ते ने गृह विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का से अनुरोध किया है कि दो माह के भीतर वे सीआइडी या साइबर अपराध थाने से जांच कराकर रिपोर्ट दें।
मामला संज्ञान में आने के बाद अंचल अधिकारी ने सात जून 2021 को उपायुक्त रांची को अपनी जांच रिपोर्ट दी थी। रिपोर्ट में बताया गया था कि उक्त जमीन के आनलाइन खतियान व पंजी-टू के भाग संख्या एक के पृष्ठ संख्या 142, 146, 169 में बिना अंचल के सहयोग से तकनीकी छेड़छाड़ कर गलत ढंग से जमाबंदी दर्ज करने की सूचना दी गई थी। रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि इस मामले में कांके थाने में नामजद आरोपितों व अन्य के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
विस्तृत जांच में सामने आए चौंकाने वाले तथ्य
पूरे मामले की विस्तृत जांच कराने पर पता चला कि जिस चार म्यूटेशन को पहले अस्वीकृत करने की अनुशंसा कर अंचल कार्यालय ने खारिज कर दिया था, बाद में फिर दस्तावेज में छेड़छाड़ कर शुद्धि पत्र भी जारी कर दिया गया, जिसमें इसे अस्वीकृत की जगह स्वीकृत बताया। इसके साथ ही आनलाइन जमाबंदी दर्ज करते हुए रसीद निर्गत कर दिया गया था।
साइबर क्राइम थाने से कराई जा सकती है जांच
अपर मुख्य सचिव एल. खियांग्ते के अनुसार पूरा मामला आनलाइन दस्तावेज में छेड़छाड़ से संबंधित है। इसलिए इसकी जांच सीआइडी की साइबर क्राइम थाने से कराई जा सकती है। इसपर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी स्वीकृति दी है।