Jharkhand: झारखंड के हेल्‍थ वर्कर्स ने दी आंदोलन की चेतावनी... एक हफ्ते का अल्‍टीमेटम...

Jharkhand News झारखंड के मल्टीपर्पस वर्कर्स (एमपीडब्ल्यू) ने स्थायीकरण सहित अपनी विभिन्न मांगों पर कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन पर जाने की चेतावनी दी है। झारखंड एमपीडब्ल्यू कर्मचारी संघ ने मांगों पर कार्रवाई के लिए एक सप्ताह का समय सरकार को दिया है।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 10:40 PM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 10:40 PM (IST)
Jharkhand: झारखंड के हेल्‍थ वर्कर्स ने दी आंदोलन की चेतावनी... एक हफ्ते का अल्‍टीमेटम...
Jharkhand News: झारखंड के मल्टीपर्पस वर्कर्स (एमपीडब्ल्यू) ने स्थायीकरण नहीं होने पर आंदोलन पर जाने की चेतावनी दी है।

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand News स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत कार्यरत मल्टीपर्पस वर्कर्स (एमपीडब्ल्यू) ने स्थायीकरण सहित अपनी विभिन्न मांगों पर कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन पर जाने की चेतावनी दी है। झारखंड एमपीडब्ल्यू कर्मचारी संघ ने मांगों पर कार्रवाई के लिए एक सप्ताह का समय सरकार को दिया है। इस अवधि में सकारात्मक पहल या वार्ता नहीं होने पर कार्य बहिष्कार की भी चेतावनी दी है। वर्तमान में इन्हें कोरोना नियंत्रण कार्य में भी लगाया है। इनकी अन्य मांगों में मानदेय वृद्धि, 50 लाख रुपये का बीमा आदि भी शामिल हैं।

पत्रकार के निधन पर सीएम ने शोक जताया

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र आज के वरिष्ठ पत्रकार और रांची प्रेस क्लब कार्यकारिणी समिति के सदस्य सुनील कुमार सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पत्रकारिता के साथ समाज सेवा से भी उनका लगाव था। उन्होंने कठिन परिश्रम से पत्रकारिता में अपनी एक अलग छवि बनाई थी। उनका निधन पत्रकारिता के लिए अपूरणीय क्षति है। मुख्यमंत्री ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करने तथा शोकाकुल परिजनों को दुख सहन करने की शक्ति देने की कामना की है।

सखी मंडल की महिलाओं को सचिव ने किया संबोधित

ग्रामीण विकास सचिव आराधना पटनायक ने ऑनलाइन माध्यम से राज्य की संकुल संगठन व सखी मंडल की महिलाओं को संबोधित किया। अपने इस संबोधन में ग्रामीण विकास सचिव ने ग्रामीण इलाकों में कोविड संक्रमण से बचाव, प्रवासी मजदूरों को आजीविका संवर्धन हुनर अभियान से जोड़ने और पलाश संबंधित विषयों पर बात की। सचिव ने ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड से बचाव एवं टीकाकरण से संबंधित महिलाओं द्वारा किए जा रहे जागरूकता कार्यक्रमों की प्रशंसा करते हुए सचिव ने सुदूर गांव के आखिरी परिवार तक को कोविड के बचाव के तरीकों पर लोगों को जागरुक करने की दीदियों से अपील की।

उन्होने महिलाओं से गांव में बाहर से आये प्रवासी ग्रामीणों की पहचान कर उनमें संक्रमण के लक्षण दिखाई देने पर उनके लिए तुरंत चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध करने में सहयोग करने की बात कही।अपने संबोधन में आजीविका संवर्धन हुनर अभियान (आशा) की चर्चा करते हुए ग्रामीण विकास सचिव ने पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी प्रवासी मजदूरों एवं आर्थिक रूप से अशक्त परिवारों को आशा से जोड़ने की बात कही। पिछले वर्ष आशा के अंतर्गत 20.8 लाख परिवारों को स्थानीय स्तर पर सशक्त आजीविका के साधनों से जोड़ा गया था।  

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