मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रूपा तिर्की मामले में जांच आयोग के गठन को दी मंजूरी

Rupa Tirkey Suicide Case Sahibganj News झारखंड उच्च न्यायालय के सेवानिवृत मुख्यमंत्री न्यायाधीश विनोद कुमार गुप्ता को जांच की जिम्मेदारी दी गई है। आयोग छह माह में रिपोर्ट सौंपेगा। यह आयोग दिवंगत रूपा तिर्की द्वारा कथित तौर पर आत्महत्या करने से संबंधित सभी विषयों को देखेगा।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Wed, 09 Jun 2021 12:58 PM (IST) Updated:Thu, 10 Jun 2021 03:06 PM (IST)
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रूपा तिर्की मामले में जांच आयोग के गठन को दी मंजूरी
Rupa Tirkey Suicide Case, Sahibganj News आयोग छह माह में रिपोर्ट सौंपेगा।

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड पुलिस की सब-इंस्पेक्टर रूपा तिर्की की अप्राकृतिक मृत्यु के मामले की जांच एक सदस्यीय जांच आयोग करेगा। इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई है। झारखंड उच्च न्यायालय के सेवानिवृत पूर्व मुख्य न्यायाधीश विनोद कुमार गुप्ता को जांच की जिम्मेदारी दी गई है। गौरतलब है कि विनोद कुमार गुप्ता हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता के अनुसार जांच आयोग को अपनी रिपोर्ट देने के लिए छह माह का समय दिया गया है। यह आयोग दिवंगत रूपा तिर्की द्वारा कथित तौर पर आत्महत्या करने से संबंधित सभी विषयों को देखेगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस विषय में विशेष दखल देते हुए जांच आयोग का गठन करते हुए निष्पक्ष तरीके से इसे आगे बढ़ाने का निर्देश दिया है। इस संबंध में पूर्व में बोरिओ थाने में दर्ज केस-127/2021 के तहत जांच की प्रक्रिया पूर्ववत जारी रहेगी।

न्यायिक जांच से सब साफ हो जाएगा : उरांव

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डाॅ. रामेश्वर उरांव ने कहा है कि दिवंगत रूपा तिर्की की मौत मामले में जांच के लिए सरकार की ओर से न्यायिक आयोग का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता सीबीआइ जांच की मांग कर रहे थे, लेकिन आयोग का गठन होना सीबीआइ जांच से भी बड़ी बात है। देश की जनता को न्यायपालिका पर अटूट विश्वास है और उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश की जांच से दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।

न्यायिक जांच का स्वागत किया विधायक बंधु तिर्की ने

मांडर के विधायक बंधु तिर्की ने झारखंड पुलिस की सब-इंस्पेक्टर रूपा तिर्की के मौत मामले की जांच न्यायिक आयोग से कराने का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इससे पीड़ित परिवार को इंसाफ मिलेगा और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जा सकेगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने न्यायिक जांच की मंजूरी देकर सराहनीय कदम उठाया है। वे लगातार लोगों की भावनाओं के अनुरूप कार्य कर रहे हैं। उनके इस सकारात्मक निर्णय से वैसे भाजपा नेताओं की भी बोलती बंद हो गई है, जो इस मामले का राजनीतिकरण कर रहे थे। भाजपा नेताओं को भी न्यायिक जांच के आदेश का स्वागत करना चाहिए और चरित्र हनन की राजनीति से बाज आना चाहिए।

भाजपा आदिवासियों की हितैषी नहीं है, यह लोग समझ गए हैं। भाजपा के शासनकाल में आदिवासियों पर सर्वाधिक अत्याचार हुआ। सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आदिवासी हित में ढ़ेर सारे निर्णय लिए हैं। आज भाजपा के नेता जनजातीय परामर्शदातृ पर्षद (टीएसी) के गठन की प्रक्रिया पर भी ऊंगली उठा रहे हैं। वे राज्यपाल से नई नियमावली की शिकायत कर रहे हैं। इस प्रकार की कार्रवाई से भाजपा नेताओं को बाज आना चाहिए। जनता उनकी मंशा को समझ चुकी है। भ्रम और झूठ फैलाकर राजनीति करने की भाजपा की मंशा कभी सफल नहीं होगी।

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