Jharkhand CID में हड़कंप, सबसे बड़ा दलाल राजीव सिंह निकला कोरोना पॉजिटिव, अफसरों में खलबली
Jharkhand News रेमडेसिविर का दलाल राजीव सिंह सीआइडी रिमांड पर भी राज नहीं खोल सका। रिमांड अवधि पूरा होने के बाद उसकी कोविड-19 की जांच कराई गई जिसमें वह पॉजिटिव मिला। इसके बाद सीआइडी अधिकारियों ने भी अपनी कोविड जांच कराई। सीआइडी दफ्तर को सैनिटाइज किया गया।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand News रेमडेसिविर की कालाबाजारी का आरोपित राजीव सिंह अपराध अनुसंधान विभाग (सीआइडी) के दो दिनों के रिमांड पर भी राज नहीं खोल सका। रिमांड अवधि पूरा होने के बाद उसकी कोविड-19 की जांच कराई गई, जिसमें वह पॉजिटिव मिला। इसके बाद सीआइडी की टीम ने उसे खेलगांव स्थित जिला प्रशासन के आइसोलेशन वार्ड (कोविड-19 कैंप जेल) में भर्ती कराया, जहां उसका इलाज चल रहा है। रिमांड पर राजीव सिंह से पूछताछ करने वाले अधिकारियों ने भी अपनी कोविड जांच कराई है। सीआइडी के दफ्तर को भी सैनिटाइज कराया गया है, जहां दो दिनों तक राजीव से पूछताछ की गई है।
सूत्रों की मानें तो राजीव सिंह ने गिरफ्तारी के बाद सीआइडी के सामने किसी तरह के रेमडेसिविर इंजेक्शन की खरीद-बिक्री से इंकार किया। जब उसे वीडियो फुटेज दिखाया गया तो उसने अरगोड़ा के एक दवा कारोबारी को ही फंसा दिया, जो जांच में निर्दोश निकला था। अब जांच टीम उसके मोबाइल का कॉल डिटेल्स रिकार्ड (सीडीआर) और वाट्सएप चैट के आधार पर इस कालाबाजारी का तार जोड़ रही है।
गौरतलब है कि एक क्षेत्रीय चैनल ने स्टिंग कर राजीव सिंह से 1.10 लाख रुपये में रेमडेसिविर के पांच इंजेक्शन खरीदा था और उसे ऑन एयर कर सनसनी फैलाई थी। मामला उजागर होने के बाद रांची के कोतवाली थाने में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में राजीव सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसकी जांच सीआइडी कर रही है।
कोई डॉक्टर है इस कालाबाजारी में शामिल, चल रही है छानबीन
जानकारी मिली है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में कोई डॉक्टर भी शामिल है, जिसने राजीव सिंह को इंजेक्शन उपलब्ध कराया था। यह इंजेक्शन सिर्फ अस्पताल के लिए सप्लाई किया गया। ऐसी स्थिति में अस्पताल व इससे जुड़े डॉक्टर-कर्मी की मिलीभगत से यह कालाबाजारी संभव नहीं है। हालांकि, जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, अधिकारी कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं।