बिरसा के सपनों का झारखंड विकास की नयी उड़ान को तैयार

भगवान बिरसा मुंडा के सपनों का झारखंड विकास की नई उड़ान को तैयार है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Nov 2019 03:05 AM (IST) Updated:Fri, 15 Nov 2019 06:16 AM (IST)
बिरसा के सपनों का झारखंड विकास की नयी उड़ान को तैयार
बिरसा के सपनों का झारखंड विकास की नयी उड़ान को तैयार

जागरण संवाददाता, रांची : भगवान बिरसा मुंडा के सपनों का झारखंड विकास की नई उड़ान को तैयार है। चुनावी माहौल के बीच शुक्रवार को राज्य अपना स्थापना दिवस मनाने जा रहा है। कोकर स्थित भगवान बिरसा मुंडा की समाधि पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर राज्य का स्थापना दिवस मनाया जाएगा। 15 नवंबर, 2000 को लंबे संघर्ष और इंतजार के बाद बिहार से अलग होकर झारखंड राज्य अस्तित्व में आया था। वर्ष 1930 में गठित आदिवासी महासभा ने हॉकी खिलाड़ी जयपाल सिंह की अगुआई में अलग झारखंड का सपना देखा था। 15 नवंबर, 2000 को आदिवासी नायक भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर झारखंड नया राज्य बना। बिहार के दक्षिणी हिस्से को विभाजित कर राज्य का गठन किया गया। औद्योगिक नगरी राची इसकी राजधानी है। प्रदेश के अन्य बड़े शहरों में जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो शामिल हैं।

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यह रहीं चुनौतियां

अस्तित्व में आते ही झारखंड सियासी अस्थिरता के भंवर में फंस गया। भ्रष्टाचार, नक्सलवाद, गरीबी-पिछड़ापन व प्रशासनिक कमजोरी समेत कई तरह की समस्याएं विकराल होती चली गईं। विकास की कसौटी पर कई वर्षाें पर सूबे को अपेक्षित सफलता नहीं मिली। इसके चलते साथ ही अस्तित्व में आए छत्तीसगढ़ व उत्तराखंड जैसे राज्यों से झारखंड पिछड़ता गया।

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विकास की ओर बढ़ाया कदम

राज्य की स्थापना के बाद तमाम चुनौतियों के बीच विकास की नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने की कोशिशें जारी हैं। राज्य के अलग-अलग हिस्सों में नए विवि. स्थापित किए गए। नये मेडिकल कॉलेज की स्थापना हुई। उच्च शिक्षा से लेकर माध्यमिक व प्राथमिक स्कूलों तक में शिक्षकों की नियुक्ति हुई। व्यापक पैमाने पर स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना हुई। कई नयी औद्योगिक इकाईयां स्थापित हुई। नक्सलवाद की समस्या पर प्रभावी रोक लगी।

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कुछ ऐसे रखा गया नाम

झारखंड यानी झार या झाड़। यह स्थानीय रूप में वन का पर्याय है और खंड यानी टुकड़े से मिलकर बना है। अपने नाम के अनुरूप यह मूलत: एक वन प्रदेश है, जो झारखंड आदोलन के फलस्वरूप सृजित हुआ। प्रचुर मात्रा में खनिज की उपलब्धता है।

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राज्य की भौगोलिक स्थिति

झारखंड की सीमाएं उत्तर में बिहार, पश्चिम में उत्तर प्रदेश व छत्तीसगढ़, दक्षिण में ओडिशा और पूर्व में पश्चिम बंगाल को छूती हैं। पूरा प्रदेश छोटानागपुर के पठार पर अवस्थित है। कोयल, दामोदर, खरकई व स्वर्णरेखा यहा की प्रमुख नदिया हैं। वनों के अनुपात में यह प्रदेश देश का अग्रणी राज्य माना जाता है। यह प्रदेश वन्य जीवों के संरक्षण के लिए भी मशहूर है।

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राज्य की भाषा और संस्कृति

झारखंड विभिन्न भाषाओं, संस्कृतियों व धमरें का संगम क्षेत्र कहा जा सकता है। द्रविड़, आर्य, व आस्ट्रो-एशियाई तत्वों के सम्मिश्रण का इससे अच्छा कोई क्षेत्र देश में शायद ही दिखता है। इस शहर की गतिविधिया मुख्य रूप से राजधानी राची और जमशेदपुर, धनबाद तथा बोकारो जैसे औद्योगिक केंद्रों से सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं।

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