Jharkhand Cabinet Meeting: झारखंड में ब्लैक फंगस महामारी घोषित, घंटी आधारित शिक्षकों को मिला अवधि विस्तार
Jharkhand Cabinet Meeting Hindi News उग्रवादी हिंसा में शहीद सैप जवानों के आश्रितों को सरकारी नौकरी मिलेगी। डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति छह महीने बढ़ाने पर सहमति बनी। खेल प्रतिभाओं को सीधी नियुक्ति के मामले में सात युवाओं को उम्र अथवा शैक्षणिक योग्यता में छूट का लाभ मिला।
रांची, राज्य ब्यूरो। अनुबंध पर कार्यरत स्पेशल आक्जिलरी पुलिस (एसएपी या सैप) के जवानों की उग्रवादी घटना में मौत होने की स्थिति में उनके आश्रितों में से किसी एक को सिपाही अथवा चतुर्थवर्गीय पदों पर अनुकंपा के आधार पर नियुक्त किया जा सकता है। पहले अनुबंध पर कार्यरत इन जवानों के शहीद होने पर अनुकंपा के आधार पर कुछ करने का प्रविधान नहीं था। राज्य सरकार ने अब यह व्यवस्था नक्सली अथवा उग्रवादी हिंसा के शिकार जवानों के आश्रितों के लिए सुनिश्चित किया है।
इसके साथ ही कैबिनेट ने ब्लैक फंगस अर्थात म्यूकर माइकोसिस को महामारी का दर्जा देने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में कुल 16 प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गई, जबकि एक प्रस्ताव पर अभी विचार नहीं किया गया। मंगलवार को राज्य कैबिनेट की बैठक में सैप जवानों के लिए प्रस्ताव पर कैबिनेट की स्वीकृति अहम मानी जा रही है। भारतीय सेना के सेवानिवृत्त सिपाहियों, जेसीओ अथवा पदाधिकारियों की सेवा अनुबंध पर प्राप्त कर सैप का गठन किया गया है। अनुबंध पर होने के कारण इन्हें सरकारी कर्मियों जैसा लाभ नहीं मिल सकता, लेकिन अब इस फैसले से इनकी शहादत को सलाम किया गया है।
राज्य कैबिनेट ने इसके साथ ही विश्वविद्यालयों के स्नातकोत्तर विभागों एवं अंगीभूत महाविद्यालयों में स्वीकृत पदों के विरुद्ध रिक्त पदों पर घंटी आधारित संविदा पर नियुक्त शिक्षकों के पैनल की अवधि विस्तार 30 सितंबर 2021 तक विस्तारित किए जाने से संबंधित संकल्प को भी घटनोत्तर स्वीकृति दे दी है। कैबिनेट ने मार्च, 2022 तक सेवानिवृत्त होने वाले झारखंड स्वास्थ्य सेवा के शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक चिकित्सकों का अवधि विस्तार मार्च, 2022 अथवा सेवानिवृत्ति की तिथि से 6 माह की अवधि, जो भी बाद में हो, तक करने की स्वीकृति दे दी। वहीं, महामारी रोग अधिनियम, 1897 तथा झारखंड महामारी रोग (कोविड-19) विनियमन, 2020 के आलोक में झारखंड में म्यूकर माइकोसिस को महामारी का दर्जा दिया गया।
कैबिनेट के अन्य फैसले
-रांची के नगड़ी अंचल स्थित मुड़मा में एनटीपीसी को कुल 2.05 एकड़ भूमि देने के प्रस्ताव पर स्वीकृति दी गई। इसके एवज में 4 करोड़, 4 लाख, 94 हजार 778 रुपये मात्र की अदायगी एनटीपीसी करेगी।
-रांची नगड़ी में मुड़मा गांव में 1.03 एकड़ भूमि एनएचएआइ को देने पर सहमति बनी। इसके एवज में कुल 2 करोड़, 3 लाख, 46 हजार 157 रुपये की अदायगी एनएचएआइ करेगी।
- भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय द्वारा प्रारंभ की गई स्वामित्व (सर्वे आफ विलेजेज एंड मैपिंग विथ इंप्रोवाइज्ड टेक्नोलाजी आफ विलेज एरिया) योजना को झारखंड में लागू करने की स्वीकृति दी गई।
-झारनेट परियोजना का पांच वर्ष का कार्यकाल एवं विस्तारित पांच वर्ष एवं नौ माह के अतिरिक्त संचालन के उपरांत नामिनेशन के आधार पर वर्तमान के एकरारनामा, दर एवं शर्तों के अधीन मेसर्स यूटीएल को 16.11 करोड़ के व्यय पर सेवा विस्तार की अनुशंसा को स्वीकृति दी गई।
-झारखंड राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन) अधिनियम 2000 (अंगीकृत एवं यथा संशोधित) के अंतर्गत स्थापित राज्य के विश्वविद्यालयों के स्नातकोत्तर विभाग एवं अंगीभूत महाविद्यालयों (अल्पसंख्यक महाविद्यालय घाटानुदान सहित) में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) विनियम, 2018 के आलोक में स्टैट्यूट के गठन की स्वीकृति दी गई।
-पतरातू थर्मल पावर स्टेशन को 200 एकड़ भूमि (जिस पर पुराना पीटीपीएस पावर प्लांट अवस्थित था) की लीज को अगले 5 वर्षों की अवधि विस्तार की स्वीकृति दी गई।
-पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत अंचल घाटशिला के मौजा बड़ापहाड़ में 7.94 एकड़ भूमि को केंद्रीय विद्यालय की स्थापना हेतु निश्शुल्क भू-हस्तांतरण की स्वीकृति दी गई।
-केंद्र सरकार द्वारा कोविड-19 महामारी के लिए मुक्त किए गए कुल आठ करोड़ 49 लाख रुपये की निकासी के लिए झारखंड आकस्मिकता फंड से अग्रिम की स्वीकृति दी गई।
-वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए राज्य के 83 प्रखंडों में आवश्यकता अनुरूप आवासीय भवनों के नव निर्माण के लिए 385.68 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।
-प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के लाभुकों को मई 2021 से जून 2021 तक की अवधि के लिए पांच किलोग्राम खाद्यान्न प्रति लाभुक प्रतिमाह मुफ्त वितरित करने हेतु खाद्यान्न के परिवहन एवं वितरण कार्य के लिए संभावित व्यय राशि 56.59 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई।
-झारखंड खिलाड़ी (सीधी नियुक्ति) नियमावली, 2014 के तहत अनुशंसित खिलाड़ियों की नियुक्ति के लिए निर्धारित योग्यता को शिथिल करने की स्वीकृति दी गई। जिन लोगों को इसका लाभ मिला, उनमें फरजाना खान, सरिता तिर्की, लखन हंस, दिनेश कुमार, लवली चौबे आदि शामिल हैं।