Jharkhand Cabinet: नियुक्ति नियमावली को मिली मंजूरी, अब झारखंड से मैट्रिक पास युवाओं को नौकरी में मिलेगी प्राथमिकता
Jharkhand Cabinet Meeting Hemant Soren मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में झारखंड कैबिनेट की बैठक आज हुई। कैबिनेट की बैठक में 27 प्रस्ताव पारित किए गए। सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए झारखंड से शिक्षा को अनिवार्य किया गया है।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड के लोगों के लिए अच्छी खबर है। राज्य सरकार ने नियुक्तियों को लेकर तैयार आठ नियमावलियों को एक साथ संशोधित कर स्वीकृति प्रदान कर दी है। इनमें मैट्रिक से लेकर स्नातक स्तरीय परीक्षाओं के लिए अब एक जैसे संशोधन किए गए हैं। नए संशोधन के अनुसार झारखंड में मैट्रिक से लेकर स्नातक स्तरीय नौकरियों के लिए यहां के मान्यता प्राप्त स्कूल से मैट्रिक अथवा इंटर की पढ़ाई की अनिवार्यता सुनिश्चित की गई है। आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी दी गई।
हालांकि, झारखंड में आरक्षण का लाभ लेनेवाले लोगों के लिए इस नियम को शिथिल किया गया है। मतलब यह कि अगर झारखंड के आरक्षित श्रेणी का कोई व्यक्ति अन्यत्र से भी मैट्रिक पास है तो उसे परीक्षा से वंचित नहीं किया जा सकता है। इसके साथ ही कर्मचारी चयन आयोग प्रारंभिक और फाइनल परीक्षा की जगह एक ही परीक्षा से नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा करेगा।
नियुक्ति परीक्षाओं के लिए कुछ नई शर्तें
नियुक्ति परीक्षाओं के लिए सरकार ने कुछ शर्तें भी निर्धारित की हैं। इनमें प्राथमिक शर्त यह है कि अभ्यर्थियों को स्थानीय रीति-रिवाज का ज्ञान होना अनिवार्य होगा। भाषा ज्ञान की परीक्षा में हिंदी और अंग्रेजी में पहले अलग-अलग 30 अंक लाने अनिवार्य होते थे, उसकी जगह अब दोनों विषयों को मिलाकर 30 प्रतिशत अंक लाने होंगे। यह अंक मेरिट लिस्ट बनाने के क्रम में नहीं जुड़ेंगे। वहीं, चिन्हित क्षेत्रीय भाषा में 30 प्रतिशत अंक और सामान्य ज्ञान में 30 प्रतिशत अंक लाने की अनिवार्यता बनी रहेगी। क्षेत्रीय भाषाओं में उर्दू, संथाली, बंगाली, हो, नागपुरी, पंच परगनिया, ओड़िया आदि भाषाएं शामिल हैं। जिला स्तरीय परीक्षाओं के लिए स्थानीय भाषा बदल भी सकती है।
10 मिनट में अब 300 की जगह 250 शब्द ही करने होंगे टाइप
राज्य सरकार अब झारखंड में नियुक्तियों के लिए अनिवार्य हिंदी दक्षता परीक्षा को भी पहले से आसान कर दिया है। पूर्व में जहां प्रति मिनट 30 शब्द की रफ्तार से 10 मिनट में 300 शब्द टाइप करना होता था, उसकी जगह अब 25 शब्द प्रति मिनट की रफ्तार से 10 मिनट में 250 शब्द टाइप करने होंगे। इसके साथ ही पहले जहां 1.5 प्रतिशत तक गलत टाइपिंग माफ थी, वहीं अब यह दो प्रतिशत कर दिया गया है।
पीएचडी कर चुके शिक्षकों को घंटी आधारित क्लास में प्राथमिकता
राज्य सरकार ने झारखंड के विश्वविद्यालयों में पीजी की पढ़ाई के लिए घंटी आधारित शिक्षकों के चयन से संबंधित नियमों में भी बदलाव करने का निर्णय लिया है। पूर्व में जहां सेवानिवृत्त शिक्षकों को ही घंटी आधारित पढ़ाई के लिए संविदा पर रखने का प्रावधान था, वहीं अब नेट पास, पीएचडी कर चुके शिक्षकों को भी प्राथमिकता दी जा सकेगी।
कैबिनेट की बैठक में कुल 27 प्रस्ताव पारित किए गए। निर्णय लिया गया कि 3 से 9 सितंबर तक मानसून सत्र होगा। इसके अलावा जेपीएससी के तीन सदस्यों का चयन किया गया है। लगभग एक साल बाद कैबिनेट की बैठक में सभी मंत्री मौजूद रहे। स्वस्थ होकर लौटने के बाद जगरनाथ महतो भी बैठक में पहुंचे।