Jharkhand Budget Session: सदन में भाजपा विधायकों ने लगाए जय श्रीराम के नारे, हंगामा

Jharkhand Budget Session झारखंड विधानसभा में तीन मार्च को वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट पेश होगा। एक माह के इस सत्र में कुल कार्यवाही 18 दिनों तक चलेगी।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Fri, 28 Feb 2020 07:42 AM (IST) Updated:Sat, 29 Feb 2020 05:25 AM (IST)
Jharkhand Budget Session: सदन में भाजपा विधायकों ने लगाए जय श्रीराम के नारे, हंगामा
Jharkhand Budget Session: सदन में भाजपा विधायकों ने लगाए जय श्रीराम के नारे, हंगामा

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Budget Session झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के पहले ही दिन जोरदार हंगाम हुआ है। यहां भाजपा विधायकों ने बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाए जाने पर जमकर हो-हल्‍ला और नारेबाजी की। पहले दिन ही टकराव के आसार की खबरों के बीच सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायक वेल में आ धमके। इस दौरान आसन की ओर से नियमों का हवाला देते हुए बाबूलाल को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नहीं देने की जानकारी देने पर टकराव और बढ़ गया। भाजपा विधायक वेल में बैठे हैं। वे सदन में जय श्रीराम और भारत माता की जय के नारे लगा रहे  हैं। स्‍पीकर रवींद्र नाथ महतो ने नेता प्रतिपक्ष के मामले पर कानूनी राय-मशविरा किए जाने की बात पटल पर रखी। हंगामा शांत नहीं होने पर स्‍पीकर ने सदन की कार्यवाही सोमवार 11 बजे तक के लिए स्‍थगित कर दी।

स्पीकर के भाषण के बीच शोरगुल होता रहा। भाजपा विधायक बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा देने की मांग सत्र की शुरुआत से ही करते रहे। हंगामे के बीच सदन के पटल पर 1216.94 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया गया। स्‍पीकर के बार-बार अनुरोध के बाद भी भाजपा विधायक अपनी सीट पर वापस जाने को तैयार नहीं हैं। हंगामे को बढ़ते देख विधानसभा अध्‍यक्ष रवींद्र नाथम हतो ने बजट सत्र की कार्यवाही सोमवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी है।

विरोध मुद्दा आधारित हो, राजनीति आधारित नहीं : स्पीकर

विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने विधानसभा सदस्यों से बजट सत्र के दौरान सार्थक भूमिका निभाने की अपेक्षा की है। शुक्रवार को हो-हंगामे के बीच अपने अध्यक्षीय संबोधन में उन्होंने कहा कि जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरना सभी का दायित्व है। सत्ता या विपक्ष, सभी जनता के प्रतिनिधि हैं। सभी की भूमिकाएं व दायित्व समान हैं। सभा में ऐसे अवसर आते हैं जब दोनों पक्षों के सदस्य मुखर होकर अपनी बात रख सकते हैं। संरक्षक होने के नाते वे इसका स्वागत करेंगे। कहा, सरकार इस क्रम में उदार हो, वहीं प्रतिपक्ष भी सभा में विरोध मुद्दों पर आधारित करे, राजनीति पर आधारित नहीं। उन्होंने कहा कि एक राजनीतिक दल का सदस्य होने के नाते हमारी कतिपय दलीय प्रतिबद्धताएं हैं, लेकिन हमें जनता के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं को प्राथमिकता देनी होगी। यदि हम ऐसा करने में कामयाब होते हैं तो यह निश्चित मानिए कि जनहित के उद्देश्य पूरे होंगे।

लोकतंत्र सफल होगा तो आप एक सफल विधायक सिद्ध होंगे

स्‍पीकर ने कहा कि सत्र के दौरान वित्तीय वर्ष 2020-21 का वार्षिक बजट सरकार द्वारा पेश किया जाएगा। आप सभी वित्तीय प्रबंधन को सुदृढ़ करने का कार्य करें और यह सुनिश्चत कराएं कि बजट को पारित करने राज्य की संचित निधि से जिस राशि के व्यय का प्राधिकार हम सरकार का समर्पित कर रहे हैं, उसके एक-एक पैसे का सही और सार्थक उपयोग जनता के व्यापक हित में सुनिश्चित हो। जनहित से जुड़ी समस्याओं और मुद्दों को सदन में सत्र के दौरान उठाने के अवसर मिलते हैैं। निर्धारित प्रक्रिया का पालन सभी सदस्य सुनिश्चित करेंगे तो ऐसी कोई समस्या नहीं है, जिसके समाधान के मुकाम तक हम नहीं पहुंचे। 

झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो, मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन एवं संसदीय कार्य मंत्री  आलमगीर आलम ने पंचम झारखंड विधानसभा के प्रथम बजट सत्र का उद्घाटन किया। मौके पर सभी मंत्री एवं विधायक उपस्थित रहे।

नई विधानसभा में नए शिलापट्ट पर राजनीति

झारखंड विधानसभा के नए भवन के मुख्य द्वार पर दो शिलापट्टïï दिखेंगे। पहला शिलापट्टï भवन के उद्घाटन समारोह का है। इसपर उद्घाटनकर्ता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू और तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास का नाम है। शुक्रवार को मुख्य द्वार के दाई ओर विधानसभा के बजट सत्र के उद्घाटन पर एक और शिलापट्टï लगाया गया। इसका अनावरण मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया। इस मौके पर स्पीकर रवींद्रनाथ महतो समेत राज्य सरकार के मंत्री आलमगीर आलम, चंपई सोरेन, जगरनाथ महतो आदि मौजूद थे। नया शिलापट्टï लगाना भाजपा को रास नहीं आया है। भाजपा विधायक मनीष जायसवाल ने कहा कि सरकार ने मजाक बना रखा है। नये भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री की मौजूदगी में हुआ था।

नेता प्रतिपक्ष के मसले पर विपक्ष की भूमिका में आई भाजपा ने शुक्रवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही जहां अपना जोरदार विरोध दर्ज कराया, वहीं झामुमो-कांग्रेस विधायक भी अपने-अपने अंदाज में विपक्ष पर पलटवार करते दिखे। एक माह चलने वाले विधानसभा के बजट सत्र में कुल 18 कार्य दिवस तय किए गए हैं। तीन मार्च को राज्य सरकार सदन में वित्तीय वर्ष 2020-21 का पूर्ण बजट पेश करने जा रही है।

बता दें कि इस बार के बजट सत्र में महागठबंधन के मुखिया हेमंत सोरेन की भी परीक्षा हो रही है और मुख्य विपक्षी दल के रूप में 'ना' पक्ष में बैठने वाली भाजपा की भी। भाजपा सशक्त विपक्ष की भूमिका को निभाने की बात कह पहले ही अपनी मंशा साफ कर चुकी है। वहीं टकराव की शुरुआत नेता प्रतिपक्ष के रूप में बाबूलाल मरांडी को स्वीकार न किए जाने से ही हो गई है। भाजपा ने बाबूलाल मरांडी को भाजपा विधायक दल का नेता मनोनीत करते हुए विधानसभा सचिवालय को भी इसकी सूचना पूर्व में ही दे दी है और उन्हें नेता प्रतिपक्ष का दायित्व सौंपने का अनुरोध भी किया था।

नए विधानसभा भवन में बजट सत्र के पहले दिन सदन की कार्यवाही में भाग लेने से पहले सदन को प्रणाम करती हुईं कांग्रेस विधायक ममता देवी।

पहले दिन पेश हुआ अनुपूरक बजट

शुक्रवार को बजट सत्र के पहले दिन अनुपूरक बजट पेश किए जाने के साथ ही अन्य विधायी कार्य भी निपटाए गए। एक माह चलने वाले सत्र के दौरान तीन मार्च को वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव बजट पेश करेंगे। बजट की अनुदान मांगों पर चर्चा होली के बाद होगी। वहीं, 16 और 23 मार्च को मुख्यमंत्री प्रश्न काल में सीएम हेमंत सोरेन सदस्यों के नीतिगत सवालों का जवाब देंगे।

आलमगीर पेश करेंगे अनुपूरक बजट

वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव की अनुपस्थिति में शुक्रवार को ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने तृतीय अनुपूरक व्यय विवरणी प्रस्तुत किया। रामेश्वर उरांव केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्‍यक्षता में होने वाली पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में शामिल होने के लिए शुक्रवार को भुवनेश्वर गए हैं। 

बजट सत्र की कार्यवाही 28 फरवरी : शपथ या प्रतिज्ञान ग्रहण। वित्तीय वर्ष 2019-20 का तृतीय अनुपूरक व्यय विवरणी का उपस्थापन। शोक प्रकाश। 29 व 01 मार्च : बैठक नहीं होगी। 02 मार्च : प्रश्नकाल, मुख्यमंत्री का प्रश्नकाल, तृतीय अनुपूरक पर वाद-विवाद, मतदान। 03 मार्च : प्रश्नकाल, वित्तीय वर्ष 2020-21 के आय-व्ययक का उपस्थापन। 04 मार्च : प्रश्नकाल, वित्तीय वर्ष 2020-21 के आय-व्ययक पर सामान्य वाद-विवाद। 05 मार्च : प्रश्नकाल, वित्तीय वर्ष 2020-21 के आय-व्ययक पर सामान्य वाद-विवाद। 06 मार्च : प्रश्नकाल, वित्तीय वर्ष 2020-21 के आय-व्ययक पर सामान्य वाद-विवाद, सरकार का उत्तर, मतदान। 07 मार्च से 11 मार्च : बैठक नहीं होगी। 12 मार्च : प्रश्नकाल, वित्तीय वर्ष 2020-21 के आय-व्ययक पर सामान्य वाद-विवाद, सरकार का उत्तर, मतदान। 13 मार्च : प्रश्नकाल, वित्तीय वर्ष 2020-21 के आय-व्ययक पर सामान्य वाद-विवाद, सरकार का उत्तर, मतदान। 14 मार्च से 15 मार्च : बैठक नहीं होगी। 16 मार्च : प्रश्नकाल, वित्तीय वर्ष 2020-21 के आय-व्ययक पर सामान्य वाद-विवाद, सरकार का उत्तर, मतदान। 17 मार्च : प्रश्नकाल, वित्तीय वर्ष 2020-21 के आय-व्ययक पर सामान्य वाद-विवाद, सरकार का उत्तर, मतदान। 18 मार्च : प्रश्नकाल, वित्तीय वर्ष 2020-21 के आय-व्ययक पर सामान्य वाद-विवाद, सरकार का उत्तर, मतदान। 19 मार्च : प्रश्नकाल, वित्तीय वर्ष 2020-21 के आय-व्ययक पर सामान्य वाद-विवाद, सरकार का उत्तर, मतदान। 20 मार्च : प्रश्नकाल, वित्तीय वर्ष 2020-21 के आय-व्ययक पर सामान्य वाद-विवाद, सरकार का उत्तर, मतदान। 21-22 मार्च : बैठक नहीं होगी। 23 मार्च : प्रश्नकाल, मुख्यमंत्री का प्रश्नकाल, वित्तीय वर्ष 2020-21 के आय-व्ययक पर सामान्य वाद-विवाद, सरकार का उत्तर, मतदान।  24 मार्च : प्रश्नकाल, वित्तीय वर्ष 2020-21 के आय-व्ययक पर सामान्य वाद-विवाद, सरकार का उत्तर, मतदान। 25 मार्च : प्रश्नकाल, वित्तीय वर्ष 2020-21 के आय-व्ययक के विनियोग विधेयक का उपस्थापन एवं पारण। 26 मार्च : प्रश्नकाल, राजकीय विधेयक एवं अन्य राजकीय कार्य। 27 मार्च : बैठक नहीं होगी। 28 मार्च : प्रश्नकाल, राजकीय विधेयक एवं अन्य राजकीय कार्य और गैर सरकारी सदस्यों के कार्य, गैर सरकारी संकल्प।

chat bot
आपका साथी