Jharkhand: नहर जीर्णोद्धार के टेंडर में घपले का आरोप, जांच के लिए सचिव को लिखा पत्र
Jharkhand News कम पैसे में काम करने वाली कंपनी की बजाय सबसे ज्यादा पैसे वाली कंपनी को दिया काम इसकी प्राक्कलन राशि 145.38 करोड़ थी। टेंडर में 12 संवेदकों ने भाग लिया। सितंबर 2019 में तकनीकी बीड खोला गया।
रांची, राज्य ब्यूरो। गढ़वा जल प्रमंडल की ओर से मोहम्मदगंज बराज से निकलने वाली नहर के जीर्णोद्धार के लिए निकाली गई निविदा में घोटाला किए जाने का आरोप लगा है। निविदा समिति ने सबसे कम दर में जीर्णोद्धार का काम की बीड करने वाली कंपनी को टेंडर देने की बजाय सबसे ज्यादा बोली लगाने वाली कंपनी को टेंडर दे दिया। मामले की जांच की मांग को लेकर हाई कोर्ट के अधिवक्ता राम सुभग सिंह ने जल संसाधन सचिव को पत्र लिखा है।
उन्होंने पत्र में कहा है कि मोहम्मदगंज बराज से गढ़वा व पलामू जिले में सिंचाई होती है। गढ़वा जल प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता की ओर से जुलाई 2019 में बाइन बांकी सिंचाई योजना व मुख्य नगर के जीर्णोद्धार के लिए टेंडर निकाला गया था। इसकी प्राक्कलन राशि 145.38 करोड़ थी। टेंडर में 12 संवेदकों ने भाग लिया। सितंबर 2019 में तकनीकी बीड खोला गया। हैदराबाद की एक कंपनी 131 करोड़ रुपये में काम करने को तैयार थी।
लेकिन निविदा समिति ने यह कहते हुए कंपनी के बीड को नहीं खोला कि उक्त कंपनी काली सूची में है। जबकि झारखंड हाई कोर्ट काली सूची में रखने वाले आदेश को पूर्व में ही निरस्त कर चुका था। इसके बाद निविदा समिति ने 11 संवेदकों की बीड को दरकिनार करते हुए 157 करोड़ रुपये की बीड लगाने वाली चहेती कंपनी को टेंडर दे दिया।
राम सुभग सिंह ने अपने पत्र में कहा है कि पूर्व में भी मोहम्मदगंज बराज की कोयल नहर योजना में सरकारी पैसे की बंदरबांट हुई थी। इसमें हाई कोर्ट के आदेश पर जांच चल रही है। राम सुभग सिंह ने कहा कि इस बार भी जल संसाधन के अधिकारियों ने मिलीभगत कर पैसे का घपला किया है। विभागीय सचिव पूरे मामले की जांच एसीबी से कराएं। उन्होंने कहा कि अगर जल संसाधन विभाग इसकी जांच नहीं कराता है, तो वे मामले की जांच की मांग करते हुए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे।