झारखंड कोविड टीकाकरण में बिहार व यूपी से आगे, तीसरी लहर से बचने को चलाना होगा विशेष अभियान

Jharkhand COVID Vaccine झारखंड में 2.20 प्रतिशत राज्य की आबादी को ही दोनों डोज का टीका लगा है। 8 लाख लोगों को ही दोनों डोज का टीका लगा है। लक्ष्य हासिल करने के लिए एक लाख लोगों को रोज टीका लगाना होगा।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 07:28 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 07:34 PM (IST)
झारखंड कोविड टीकाकरण में बिहार व यूपी से आगे, तीसरी लहर से बचने को चलाना होगा विशेष अभियान
Jharkhand COVID Vaccine झारखंड में 2.20 प्रतिशत राज्य की आबादी को ही दोनों डोज का टीका लगा है।

रांची, राज्य ब्यूरो। कोरोना की संभावित तीसरी लहर से पहले झारखंड के लोगों को इस वायरस से सुरक्षित करना है तो राज्य में प्रतिदिन अभियान मोड में टीकाकरण करना होगा। वर्तमान में राज्य में सप्ताहांत में तीन दिनों शुक्रवार, शनिवार और रविवार को लगभग एक लाख लोगों को टीका लगाया जा रहा है, लेकिन राज्य सरकार को लक्ष्य पूरा करने के लिए इस तरह का अभियान रोज चलाना होगा। लोगों को भी टीकाकरण के लिए आगे आना होगा।

राज्य में 14 जून तक 43,87,138 लोगों को पहली डोज का टीका लगा है। इनमें 8,15,958 लोगों को ही दोनों डोज का टीका लग चुका है। आबादी के हिसाब से देखें तो राज्य की अनुमानित आबादी 3.70 करोड़ में से 2.20 प्रतिशत आबादी को ही दोनों डोज का टीका लग चुका है। पड़ोसी राज्यों से तुलना करें तो बिहार और उत्तर प्रदेश से झारखंड बेहतर स्थिति में है, अन्य राज्य झारखंड से टीकाकरण में आगे हैं।

राज्य में टीकाकरण के लक्ष्य को पूरा करने में मुख्य रूप से वैक्सीन की कमी सबसे बड़ी बाधा है। वर्तमान में 18 से 44 वर्ष के आयु के लोगों के टीकाकरण की रफ्तार वैक्सीन की कमी के कारण ही सुस्त है। खासकर कोवैक्सीन उपलब्ध नहीं होने के कारण दूसरी डोज के टीकाकरण में परेशानी हो रही है। हालांकि हाल के दिनों में टीकाकरण ने दोबारा रफ्तार पकड़ी है।

मई की अपेक्षा जून में पकड़ी रफ्तार

मई माह की अपेक्षा जून माह में टीकाकरण ने थोड़ी रफ्तार पकड़ी है। इसमें राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे सप्ताहांत अभियान के अलावा दैनिक जागरण के 'यस फॉर वैक्सीन' अभियान का भी प्रभाव पड़ा है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में जागरुकता बढ़ी है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान, झारखंड के राज्य नोडल पदाधिकारी (आइईसी) सिद्धार्थ त्रिपाठी कहते हैं, अब टीका को लेकर लोगों में संशय खत्म हो रहा है। जो लोग टीका नहीं लगाना चाहते थे, अब इसके लिए आगे आ रहे हैं।

टीकाकरण के आधार पर ही मिलेगी वैक्सीन

केंद्र से राज्य को जुलाई में बड़ी मात्रा में वैक्सीन मिलने की उम्मीद है। हालांकि केंद्र ने स्पष्ट किया है कि राज्यों को वैक्सीन के आवंटन में खपत को भी देखा जाएगा। ऐसे में राज्य को जून माह में मिली वैक्सीन का शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करना होगा, ताकि राज्य को अधिक से अधिक वैक्सीन केंद्र से मिल सके।

टीकाकरण से ही होगा कोरोना से बचाव

चिकित्सकों के अनुसार, कोरोना से बचाव टीकाकरण से ही संभव है। यह साबित हो चुका है कि दूसरी लहर में उन लोगों पर कोरोना का अधिक प्रभाव नहीं पड़ा जो दोनों डोज का टीका ले चुके थे। ऐसे लोग संक्रमित भी हुए तो उन्हें अपनी जान नहीं गंवानी पड़ी।

जिन्हें लग चुकी पहली डोज

लाभार्थी -  टीकाकरण  - उपलब्धि (प्रतिशत में)

हेल्थ केयर वर्कर्स   2,04,867  91

फ्रंटलाइन वर्कर्स 3,35,044   87

18-44 वर्ष   11,21,052  07

45 -59 वर्ष  14,65,128  28

60 वर्ष से अधिक 12,61,047  39

जिन्हें लग चुकी दूसरी डोज भी

लाभार्थी -  टीकाकरण  - उपलब्धि (प्रतिशत में)

हेल्थ केयर वर्कर्स   1,52,595   82

फ्रंटलाइन वर्कर्स  2,01,581  79

18-44 वर्ष   15,602   47

45 -59 वर्ष  1,84,161  80

60 वर्ष से अधिक 2,62,019  75

नोट : दूसरी डोज की उपलब्धि का प्रतिशत निर्धारित समय तक दूसरी डोज लेने के लक्ष्य के विरुद्ध है।

पड़ोसी राज्यों में दोनों डोज लेने वाले

बिहार : 1.59

उत्तर प्रदेश : 1.68

झारखंड : 2.20

ओडिशा : 3.70

छत्तीसगढ़ : 4.00

पश्चिमी बंगाल : 4.16

राष्ट्रीय : 3.7

(नोट : आंकड़े प्रतिशत में)

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