BDO आफताब आलम की पांच वेतनवृद्धि पर रोक, प्रशासनिक सेवा के 3 अफसर बाल-बाल बचे...
Jharkhand Administrative Service झारखंड प्रशासनिक सेवा (झाप्रसे) के तीन अधिकारी आरोप मुक्त करार दिए गए हैं जबकि एक अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की गई है। कार्मिक प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग ने इससे संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Administrative Service झारखंड प्रशासनिक सेवा (झाप्रसे) के तीन अधिकारी आरोप मुक्त करार दिए गए हैं, जबकि एक अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की गई है। कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग ने इससे संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है। मुक्त हुए पदाधिकारियों में देवरी प्रखंड के तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी अनिल कुमार तिर्की शामिल हैं। तिर्की पर लोकायुक्त कार्यालय में हुई शिकायत के बाद यह आरोप सत्यापित हुआ था कि उन्होंने इंदिरा आवास के निर्माण के लिए प्राप्तकर्ता के हस्ताक्षर पर ध्यान नहीं दिया था।
स्व. बुंदलाल राय की पहली पत्नी के रहते दूसरी को इंदिरा आवास आवंटित कर दिया गया था। पहली पत्नी के रहते दूसरी पत्नी को आवास आवंटन नियमानुसार गलत था। इस मामले में कार्यवाही चल रही थी। तिर्की ने अपने जवाब में जानकारी दी थी कि पूर्व में अभिलेख दूसरे अधिकारी के स्तर से खोला गया था, जिस कारण हस्ताक्षर के मिलान में गलतफहमी हुई। इस स्पष्टीकरण को सही मानते हुए उन्हें आरोप मुक्त कर दिया गया है।
एक अन्य मामले में साहिबगंज जिले के राजमहल के तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी विजय कुमार सोनी को आरोप मुक्त किया गया। उनके खिलाफ मनरेगा के तहत डोभा निर्माण के लिए निर्धारित लक्ष्य प्राप्त नहीं करने, लापरवाही बरतने और अधिकारियों के निर्देश की अवहेलना करने का आरोप था। मामले में उपायुक्त ने रिपोर्ट दी कि डोभा निर्माण के लक्ष्य को पूरा कर लिया गया था और इस कारण उन्हें आरोप मुक्त करने का निर्णय लिया गया।
इसी प्रकार, छुट्टी स्वीकृत कराए बगैर अनुपस्थित रहने के आरोप में कार्यवाही झेल रहे सरायकेला खरसावां जिले के चांडिल के कार्यपालक दंडाधिकारी जफर हसनात को भी कार्मिक विभाग से राहत मिल गई है। जफर के पास कुकडू प्रखंड के बीडीओ सह सीओ का भी प्रभार था। उनके स्पष्टीकरण पर उपायुक्त के मंतव्य के बाद उनके खिलाफ चल रही कार्यवाही को रोक दिया गया है और उन्हें आरोप मुक्त कर दिया गया है। इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है।
मनरेगा योजनाओं में गबन के आरोपित पर कार्रवाई
लातेहार के बारियातू प्रखंड में मनरेगा योजनाओं में अधिक भुगतान और राशि गबन के आरोपित तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) आफताब आलम के खिलाफ पांच वेतनवृद्धि पर रोक का आदेश दिया गया है। वित्तीय वर्ष 2015-16 में मनरेगा योजना के अंकेक्षण के दौरान यह प्रमाणित हुआ कि जनाब अंसारी को विभिन्न तिथियों 74.80 लाख रुपये का भुगतान किया गया, लेकिन वह मनरेगा लाभुक नहीं थे।
सादिया ट्रेडिंग कंपनी के मालिक कमरूल आरफी ने स्वयं अपने नाम से 1.05 करोड़ रुपये की निकासी की थी, जिससे संबंधित कोई विवरणी प्रखंड कार्यालय में उपलब्ध नहीं थी। इसके अलावा भी कई ऐसी ही अनियमितताओं का आरोप झेल रहे आलम कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दे सके और उनके खिलाफ पांच वेतनवृद्धि पर रोक लगाने का आदेश दिया गया। अपने जवाब में आलम ने दोषी कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जानकारी दी थी, जिसे विभाग ने पर्याप्त नहीं माना।