भक्तिपूर्ण महौल में संपन्न हुई जगद्धात्री पूजा

मां जगद्धात्री की पूजा बड़ी धूमधाम से हुई। तुपुदाना के रामकृष्ण मिशन टीबी सेनेटोरियम में भक्तों ने मां की आराधना की। इस पूजा में तंत्र मंत्र का विशेष महत्व होता है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Nov 2018 07:00 AM (IST) Updated:Sun, 18 Nov 2018 07:00 AM (IST)
भक्तिपूर्ण महौल में संपन्न हुई जगद्धात्री पूजा
भक्तिपूर्ण महौल में संपन्न हुई जगद्धात्री पूजा

जागरण संवाददाता, तुपुदाना :

तुपुदाना के रामकृष्ण मिशन टीबी सेनेटोरियम में श्री श्री मां जगद्धात्री की पूजा आज धूम-धाम से मनाई गई। यह पूजा दुर्गा का तांत्रिक रूप है। हेमंत काल में श्री दुर्गा को ही तांत्रिक विधि से श्री जगद्धात्री की पूजा की जाती है। राम कृष्ण मिशन सेनेटोरियम में इस पूजा का इतिहास 1958 से शुरू होता है। जब सेनेटोरियम में चिकित्सारत एक रोगी भूपति बसू को सपने में देवी जगद्धात्री पूजा करने का आदेश देती है। मां के ओदश का पालन करते हुए भूपति बसू ने दो वर्ष अपने हाथों से मां की प्रतिमा का निर्माण कर माता की पूजा-अर्चना की। इसके बाद स्वामी शांतानंद महाराज ने जगद्धात्री पूजा को जारी रखा। सेनेटोरियम के सचिव स्वामी बुद्धदेवानंद ने बताया कि शास्त्रानुशार दुख मोचनी माता जगद्धात्री की पूजा अर्चना एक कठिन अनुष्ठान है। विधिवत इस कार्य को संपन्न करने के लिण् पाक साफ होना अनिवार्य है। साथ ही पुजारी को पूजन कार्य करने के लिए दो दिन पहले से उपवास करना पड़ता है।

पूजन कार्य के लिए रामकृष्ण मिशन बेलूर मठ हावड़ा से आए बुद्धमयानंद तंत्रधारक के रूप में स्वामी सत्यप्रियानंद महाराज एवं चंडी पाठक के रूप में ऋषिकेषानंद ने कोलकाता से विशेषज्ञ स्वयं सेवकों की सहायता से पूजन कार्य को संपन्न कराया।

तीन चरणों में संपन्न होने वाली पूजन कार्य के बाद दोपहर एक बजे से भक्तों के बीच प्रसाद के रूप में खिचड़ी का वितरण शुरू किया गया जो कि शाम पांच बजे तक चला। लगभग 40 हजार लोगों ने भोग प्रसाद पाया। शाम छह बजे मा जगद्धात्री की संध्या आरती की गई। इसके बाद कोलकाता से आए भक्त मंडली द्वारा बंगाल के विख्यात काली कीर्तण प्रस्तुत किया गया। इसे देख व सुन कर भक्त जन भाव विभोर हुए।

ढाकियों के धुन पर झूमते रहे भक्तजन -

जगद्धात्री पूजा के अवसर पर बंगाल से आए ढाकियों के द्वारा झूम-झूम कर पूरे पूजा के दौरान ढाकी बजाने से माहौल भक्तिपूर्ण हो गया। पूजा में शामिल होने को देश के विभिन्न राज्यों एवं विदेशों से श्रद्धालु पहुंचे थे।

आज होगा विसर्जन -

सुबह 5:30 बजे मंगल आरती के बाद 7:30 बजे से पूजा प्रारंभ होगी। सुबह 9 बजे मां का दर्पण विसर्जन होगा। दोपहर 2:30 बजे मूर्ति विसर्जन का कार्यक्रम शुरू होगा, जिसमें महिलाओं द्वारा सिंदूर खेला कर मां को भावपूर्ण विदाई दी जाएगी। शाम 6:40 बजे शांति जल का छिड़काव किया जाएगा। इसके बाद रात में कोलकाता के कलाकारों के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा।

मेले की सुरक्षा की कमान तुपुदाना ओपी प्रभारी तारीक अनवर संभाले हुए थे। मेले में 40 हजार की भीड़ को संभालने के लिए सुरक्षा व्यवस्था को पुलिस लाइन से बुलाए गए महिला एवं पुलिस कर्मियों के सहयोग से शांतिपूर्ण रूप से संपन्न हुआ।

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