JAC: मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षा परिणाम के संबंध में जैक ने जारी किए गाइडलाइंस

JAC झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षा परिणाम के संबंध में अहम निर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत विद्यालय एवं महाविद्यालय जिला शिक्षा पदाधिकारी तथा क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक के स्तर पर अलग-अलग दिशा-निर्देशों का क्रियान्वयन करने के लिए कहा गया है।

By Kanchan SinghEdited By: Publish:Sun, 27 Jun 2021 02:20 AM (IST) Updated:Sun, 27 Jun 2021 02:20 AM (IST)
JAC: मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षा परिणाम के संबंध में जैक ने जारी किए गाइडलाइंस
जैक की ओर से मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षा परिणाम के संबंध में अहम निर्देश जारी किए गए हैं।

रांची,जासं। झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षा परिणाम के संबंध में अहम निर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत विद्यालय एवं महाविद्यालय, जिला शिक्षा पदाधिकारी तथा क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक के स्तर पर अलग-अलग दिशा-निर्देशों का क्रियान्वयन करने के लिए कहा गया है।

काउंसिल ने स्पष्ट कर दिया है कि परीक्षाफल को लेकर संबंधित छात्र-छात्राओं को सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक, आतंरिक मूल्यांकन का अंक विषयवार आवंटित किया जाएगा। निर्धारित नीति एवं प्रक्रियाओं के अनुसार छात्र-छात्राओं को विषयवार सैद्धांतिक परीक्षा के लिए अंक परिषद द्वारा कक्षा नौवीं एवं कक्षा ग्यारहवीं के परीक्षा के आधार पर आवंटित किया जाएगा। प्रायोगिक परीक्षा एवं आंतरिक मूल्यांकन के लिए अंक विद्यालय एवं महाविद्यालय स्तर पर आवंटित किए जाएंगे।

कुछ ऐसे तैयार होगा परिणाम, विद्यालय, महाविद्यालय स्तर पर क्रियान्वयन

- विद्यालय- महाविद्यालय द्वारा वार्षिक माध्यमिक एवं इंटरमीडिएट परीक्षा 2021 में सम्मिलित हो रहे छात्र-छात्राओं को विषयवार प्रायोगिक व आंतरिक मूल्यांकन का अंक आवंटित किया जाएगा।

- प्रायोगिक विषय में अंकों का आवंटन उनके पूर्णांक के अनुरूप होगा।

- जिन छात्र-छात्राओं ने प्रायोगिक परीक्षा में भाग नहीं लिया है, उनकी प्रायोगिक परीक्षा आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा निर्गत कोविड 19 की गाइडलाइन के तहत ली जाएगी।

-अप्रायोगिक विषय के लिए आंतरिक मूल्यांकन का प्रावधान किया गया है। विषयवार आंतरिक मूल्यांकन 20 अंकों के होंगे। इसका आवंटन भी विद्यालय एवं महाविद्यालय द्वारा किया जाएगा।

- आंतरिक मूल्यांकन के लिए विद्यालय एवं महाविद्यालय स्तर पर एक समिति का गठन किया जाएगा। यह समिति अंकों का आवंटन करेगी। इसके लिए सात बिंदुओं की गाइड लाइन तय की गई है।

- विद्यालय, महाविद्यालय स्तर पर कक्षा दसवीं अथवा बारहवीं में कक्षाओं के संचालन के समय छात्र-छात्राओं का प्रदर्शन।

-परिषद द्वारा जारी किए गए माडल प्रश्न पत्र के आधार पर लिए गए आंतरिक परीक्षा में प्रदर्शन।

-आनलाइन कक्षाओं के संचालन में छात्र-छात्राओं का प्रदर्शन।

- विद्यालय, महाविद्यालय स्तर पर लिए गए आंतरिक परीक्षा में विद्यार्थी का प्रदर्शन।

- कक्षा नौवीं अथवा ग्यारहवीं में विद्यार्थियों की उपस्थिति तथा उस समय का प्रदर्शन।

- कक्षा नौवीं अथवा ग्यारहवीं में मासिक, त्रैमासिक, अद्र्धवार्षिक परीक्षा का प्राप्तांक।

- कक्षा नौवीं अथवा ग्यारहवीं का आंतरिक मूल्यांकन।

- इसके लिए गठिन होने वाली समिति में विद्यालय अथवा महाविद्यालय के प्राचार्य अध्यक्ष, वरीय शिक्षक, डीईओ की ओर से नामित निकटतम विद्यालय के शिक्षक तथा डीईओ के प्रतिनिधि प्रेक्षक के रूप में नामित पदाधिकारी सदस्य होंगे।

- समिति के तीनों सदस्यों की ओर से आंतरिक मूल्यांकन के अंक का आवंटन किया जाएगा। प्रेक्षक की जिम्मेदारी आंतरिक मूल्यांकन के कार्यों का नियमानुकूल ससमय संपादित कराने की होगी।

-विद्यार्थियों के अंकों के आवंटन के बाद परिषद की वेबसाइट पर अपलोड करना होगा।

- अंकों के आनलाइन सबमिशन के बाद वेबसाइट से सूची की दो प्रति डाउनलोड कर ङ्क्षप्रट करना होगा। इस पर प्रेक्षक को छोड़कर समिति के लोगों के हस्ताक्षर होंगे।

- अंकों को आनलाइन चढ़ाने के दौरान विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। एक बार सबमिट किए जाने के बाद अंकों में किसी तरह का परिवर्तन नहीं किया जा सकता है। परिषद के स्तर पर इसमें कोई परिवर्तन अथवा सुधार नहीं होगा।

- अगर विद्यालय अथवा महाविद्यालय की ओर से किसी विद्यार्थी का आंतरिक मूल्यांकन अथवा प्रायोगिक परीक्षा का अंक आनलाइन सबमिट नहीं किया जाता है तो उसे अनुपस्थित मानते हुए नियमानुसार परीक्षाफल तैयार किया जाएगा।

- परीक्षाफल से असंतुष्ट होने वाले विद्यार्थियों को आगामी परीक्षा में सम्मिलित होने का अवसर प्रदान किया जाएगा। इसके लिए उन्हें वर्तमान परिप्रेक्ष्य में निर्मित परीक्षाफल के लिए निर्गत प्रमाण पत्रों की मूल प्रति परिषद में जमा करनी होगी। इस आशय का शपथ पत्र देना होगा कि उनका परीक्षाफल रद कर दिया जाए। आगामी परीक्षा में उन्हें जो भी परीक्षाफल निर्गत होंगे, वह मान्य होगा।

-एक्स रेगुलल विद्यार्थी, जो पहली बार इस परीक्षा में सम्मिलित हो रहे हैं, का भी प्रायोगिक परीक्षा, आंतरिक मूल्यांकन अथवा दोनों आयोजित किया जाएगा।

- पुन:पंजीकृत होने वाल विद्यार्थियों के लिए किसी भी प्रकार के अंकों का आवंटन नहीं किया जाएगा। उनके परीक्षाफल का निर्माण उनके द्वारा पूर्व के वर्षों में भाग लिए गए परीक्षाओं के प्राप्त किए गए अंक के आधार पर किया जाएगा।

जिला शिक्षा पदाधिकारी स्तर पर क्रियान्वयन

- विद्यालय, महाविद्यालय स्तर पर प्रायोगिक, आंतरिक मूल्यांकन अथवा दोनों का कार्य ससमय संपादित कराने का दायित्व डीईओ की होगी। समिति के कार्यों के ससमय संपादित कराने का दायित्व होगा।

- समिति की ओर से हस्ताक्षरित सूची की एक प्रति डीईओ अपने कार्यालय में संधारित करेंगे। भविष्य में आवश्यकता होने पर परिषद को उपलब्ध कराया जा सके।

आरडीडीई स्तर पर क्रियान्वयन

- संबंधित कार्यों के ससमय संपादित कराने का दायित्व आरडीडीई को दिया गया है। इसका पर्यवेक्षण वह करेंगे।

- अपने प्रमंडल के डीइओ से समन्वय स्थापित कर मूल्यांकन कार्य की समीक्षा करेंगे।

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