आदिवासी संस्कृति को जीवंत रखना हमारी जिम्मेदारी : सन्नी टोप्पो
इटकी प्रखंड के कुल्ली गाव में पारंपरिक ढंग से हड़बोड़ी बूढ़ा जतरा मनाया गया।
संसू, इटकी : इटकी प्रखंड के कुल्ली गाव में पारंपरिक ढंग से हड़बोड़ी बूढ़ा जतरा मनाया गया। मौके पर पूर्वजों की अस्थि को कब्र से निकाल कर जलाया और कलश में रखा गया। बाद में सरनास्थल पर एकत्रित होकर रोते गाते, नृत्य गान करते कुंडील जलाशय में विसर्जित कर स्मृति में जल अर्पण किया गया। विसर्जित करने के बाद पड़हा झडा, ढोल नगाड़े, गाजे-बाजे के साथ 21 पड़हा कुल्ली के प्रतीक काष्ठ के हाथी पर पाहन को सवार कर नृत्य-गान करते जतरा मैदान पहुंच कर सामूहिक रूप से देर रात तक नृत्य गान किया गया। मौके पर आयोजित समारोह को संबोधित करते बतौर मुख्य अतिथि झारखंड प्रदेश आदिवासी काग्रेस के उपाध्यक्ष सन्नी टोप्पो ने कहा कि आदिवासी संस्कृति, सभ्यता और परंपरा को जीवंत रखना हमारा कर्तव्य है। आदिवासी संस्कृति विश्व पुरातन संस्कृति है। विश्व में इसकी अलग पहचान है। इसे अक्षुण्ण बनाए रखने की जरूरत पर बल दिया। विशिष्ट अतिथि इटकी प्रखंड झामुमो अध्यक्ष वसीम इकबाल पंपू ने कहा कि आदिवासियों द्वारा पूर्वजों की स्मृति में हड़बोड़ी करना गौरव की बात है। इस अवसर पर पूर्व मुखिया मंजीत लकड़ा के द्वारा महतो, पाहन और कोटवार को धोती, गंजी और गमछा ओढ़ाकर सम्मानित किया। मौके पर इटकी कांग्रेस अध्यक्ष सलीम अंसारी, पूर्व पड़हा राजा गंदरू उराव, विधायक प्रतिनिधि राजेश तिर्की, ग्रामप्रधान अजय लकड़ा, गोयंदा उराव, मनोज लकड़ा, विजेता लकड़ा आदि थे। संचालन राजू लकड़ा ने किया। जतरा को सफल बनाने में न्यू स्टूडेंट क्लब के युवाओं की सराहनीय भूमिका रही।
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पूस जतरा को लेकर ग्रामीणों ने बैठक
संसू, लापुंग : लापुंग प्रखंड के फतेहपुर में पूस जतरा लगाने को लेकर रविवार को एक बैठक फतेहपुर बाजार में पवन बरला की अध्यक्षता में की गई। बैठक के दौरान कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए नागपुरी सांस्कृतिक कार्यक्रम के अलावा पारंपरिक नाच-गान के साथ मेला लगाने का निर्णय लिया गया। जतरा के संरक्षक राम प्रसाद साहू ने बताया कि यह जतरा पूस माह के पहली सप्ताह में लगेगा। इस मेला में हिंदू, मुसलमान व आदिवासी समुदाय के लोग सहयोग करते हैं। मौके पर राजेश साहू, मनमोहन साहू, इदरीश मियां, युवराइल मियां, इमानुल मलिक उर्फ उमक, महिंदर साहू, अलाउद्दीन मिया, असलम मियां, टिंकू साहू के अलावा दर्जनों ग्रामीण मौजूद थे।