विकास भारती के सचिव पद्मश्री अशोक भगत ने कहा, सबको सरकारी नौकरी मिलना संभव नहीं, आत्मनिर्भर बन हासिल करें मुकाम

बरियातू स्थित विकास भारती बिशुनपुर कार्यालय परिसर में शनिवार को उद्यमिता सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस मौके पर अशोक भगत ने कहा कि सभी को सरकारी नौकरी मिल नहीं सकता है। इसलिए स्वरोजगार खड़ा करने की जरूरत है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 12 Dec 2020 07:40 PM (IST) Updated:Sat, 12 Dec 2020 07:40 PM (IST)
विकास भारती के सचिव पद्मश्री अशोक भगत ने कहा, सबको सरकारी नौकरी मिलना संभव नहीं, आत्मनिर्भर बन हासिल करें मुकाम
विकास भारती के सचिव पद्मश्री अशोक भगत ने कहा, सबको सरकारी नौकरी मिलना संभव नहीं, आत्मनिर्भर बन हासिल करें मुकाम

जागरण संवाददाता, रांची : बरियातू स्थित विकास भारती बिशुनपुर कार्यालय परिसर में शनिवार को सामाजिक उद्यमिता केंद्र का उद्घाटन किया गया और सामाजिक उद्यमिता सम्मान समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संस्था के सचिव पद्मश्री अशोक भगत ने कहा कि सरकारी नौकरी एक भ्रांत और मिथकीय नारा है। दुनिया की कोई भी सरकार शत-प्रतिशत नौकरी नहीं दे सकती है। किसी सरकार में यह हिम्मत नहीं है कि वह सभी युवाओं को नौकरी पर रख ले। आत्मसम्मान और स्वाभिमान के साथ यदि जीना है तो हमें स्वावलंबी बनना होगा एवं स्वरोजगार पर ही अपना जीवन बसर करना होगा।

उन्होंने कहा कि लोगों को यदि स्वावलंबी बनाया जाय तो वे स्वाभिमान के साथ अपना जीवन यापन कर सकेंगे। यदि लोगों को पारंपरिक रोजगार के साथ जोड़कर उनके हस्तकला को परिमार्जित और समय के अनुकूल बनाया जाय तो बड़े पैमाने पर रोजगार का सृजन होगा। कोरोना महामारी काल में आत्मनिर्भर लोग खड़े हुए हैं। झारखंड की महिलाओं ने अछ्वुत काम किया है। सम्मान के साथ रोजगार कर रही हैं और हजारों लोगों को रोजगार प्रदान कर रही हैं। कार्यक्रम में 33 नव उद्यमियों को सम्मानित किया गया। देश का सबसे अधिक तसर उत्पादक राज्य झारखंड है : जेपी पांडेय

तसर संस्थान के निदेशक जेपी पांडे ने कहा कि झारखंड देश का सबसे अधिक तसर उत्पादन करता है। देश का 80 प्रतिशत तसर झारखंड में उत्पादित होता है। यह एक बड़ा स्वरोजगार साबित हो सकता है। उन्होंने तसर संस्थान द्वारा संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रमों की जानकारी उद्यमियों को दिया। संस्था की उपाध्यक्षा डा. रंजना चौधरी ने स्वरोजगार के विषय पर विस्तार से अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारों की चर्चा करते हुए कहा कि अब वक्त आ गया है कि हम दुनिया पर नहीं खुद पर भरोसा करके अपने आपको, अपने समाज, अपने राज्य और अपने देश को खड़ा करें। गांव के लोगों का विकास है जरूरी : ललन शर्मा

खादी कमीशन के स्थानीय निदेशक जितेंद्र गुप्ता ने खादी आयोग द्वारा संचालित बहुआयामी कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से चर्चा की। वहीं एमएसएमई के निदेशक पवन कुमार गुप्ता ने उद्यमिता को समझाते हुए भारत सरकार और अपने विभाग के द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी उपलब्ध कराई। एकल अभियान के अखिल भारतीय सह अभियान प्रमुख डा. ललन शर्मा ने गांव, व्यापार, शहर आदि विषयों को छेड़ा और कहा कि गांव के स्थानीय लोगों का जब तक विकास नहीं होगा, उनमें रोजगार की आधुनिक प्रवृत्ति की संवेदना पैदा नहीं होगी, तब तक उद्यमिता का अर्थ स्पष्ट नहीं हो पाएगा। कार्यक्रम को संस्था के उपाध्यक्ष डा. अजय सिंह, आशीष तिवारी, पियूष मनीष, गौतम भगत, नमिता सिंह, सुनिता लिडा आदि कई नव उद्यमियों ने अपने-अपने विचार रखे।

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