सीएस फाउंडेशन में इशिका को देश भर में 24वां स्थान

रांची कंपनी सेक्रेटरी की फाउंडेशन परीक्षा के जारी रिजल्ट में इशिका क

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 Jan 2020 02:07 AM (IST) Updated:Tue, 28 Jan 2020 06:16 AM (IST)
सीएस फाउंडेशन में इशिका को देश भर में 24वां स्थान
सीएस फाउंडेशन में इशिका को देश भर में 24वां स्थान

जागरण संवाददाता, रांची : कंपनी सेक्रेटरी की फाउंडेशन परीक्षा के जारी रिजल्ट में इशिका को देश भर में 24वां स्थान मिला है। इशिका संत जेवियर कॉलेज की छात्रा है। मूल रूप से झारसुगडा (ओडिशा) की रहने वाली इशिका राची में हॉस्टल में रहकर कॉलेज एवं कंपनी सेक्रेटरी की तैयारी कर रही है। इसे 400 अंकों की परीक्षा में 316 अंक मिले हैं। इसने 10वीं तक की पढ़ाई डीएवी झारसुगड़ा एवं 12वीं की पढ़ाई जेवीएम श्यामली राची से पूरी की। इसके पिता संजीत कुमार पति ओडिशा थर्मल पॉवर प्लाट में फाइनेंस मैनेजर हैं और मा कमलिनी होम मेकर हैं। बीएयू में छात्रों का एग्रो इंडस्ट्रियल से जुड़ाव का हुआ मूल्यांकन

जागरण संवाददाता, रांची : बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के बीएससी (कृषि) विभाग के विद्यार्थियों का आइसीएआर के प्रोग्राम के तहत एग्रो इंडस्ट्रियल से जुड़ा मूल्याकन किया गया। विद्यार्थियों ने बायर क्रॉप साइंसेज लिमिटेड, मेधा डेरी, प्रज्ञा डेयरी तथा झारखंड एग्री मशीनरी टेस्टिंग एंड ट्रेनिंग सेंटर में 10 सप्ताह का प्रशिक्षण प्राप्त किया।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य पाठ्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों को कृषि उद्योगों के बारे में विस्तृत जानकारी देना है ताकि उनमें उद्यमिता का विकास हो और उनकी रोजगार संभावना में वृद्धि हो। प्रशिक्षण प्राप्त विद्यार्थियों का मूल्याकन 27 से 29 जनवरी तक चलेगा। मूल्याकन समिति के अध्यक्ष कृषि संकाय के अधिष्ठाता डॉ मदन सिंह यादव तथा समन्वयक डॉ निभा बाड़ा हैं। 10 आदिवासी बहुल जिलों में मीठी क्रांति बढ़ावा को दे रहा बीएयू

जागरण संवाददाता, रांची : बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में गणतंत्र दिवस समारोह मनाया गया। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ नरेंद्र कुदादा ने पहले भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया, इसके बाद विश्वविद्यालय मुख्यालय में झडोरोहण किया। उन्होंने अपने संबोधन में उलिहातु गांव को गोद लेकर 27 परियोजनाओं का आदिवासियों के बीच कार्यान्वयन करने, आइसीएआर - क्षमता परियोजना में 10 आदिवासी बहुल जिलों में मीठी क्राति को बढ़ावा देने तथा विश्व बैंक संपोषित कास्ट परियोजना की स्वीकृति को विश्वविद्यालय की प्रमुख उपलब्धि

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