APP Recruitment: सहायक लोक अभियोजक नियुक्ति के लिए चार अक्‍टूबर से साक्षात्‍कार, 143 पदों पर होगी भर्ती

APP Recruitment Jharkhand News एपीपी नियुक्ति के लिए मुख्य परीक्षा में सफल 194 अभ्यर्थी साक्षात्कार में शामिल होंगे। अभियोजन सेवा में कुल 143 पदों पर नियुक्ति होगी। अभ्यर्थी आयोग की वेबसाइट से ई काल लेटर 22 सितंबर से डाउनलोड कर सकेंगे।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 08:03 PM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 09:40 PM (IST)
APP Recruitment: सहायक लोक अभियोजक नियुक्ति के लिए चार अक्‍टूबर से साक्षात्‍कार, 143 पदों पर होगी भर्ती
APP Recruitment, Jharkhand News एपीपी नियुक्ति के लिए मुख्य परीक्षा में सफल 194 अभ्यर्थी साक्षात्कार में शामिल होंगे।

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड लोक सेवा आयोग में सहायक लोक अभियोजक (एपीपी) नियुक्ति के लिए साक्षात्कार चार अक्टूबर से सात अक्टूबर तक आयोजित होगा। प्रत्येक दिन पूर्वाह्न 11 बजे से साक्षात्कार शुरू होगा। इसमें मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थी शामिल होंगे। साक्षात्कार से पहले तीन से पांच अक्टूबर तक सफल अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की जांच आयोग कार्यालय में होगी। आयोग साक्षात्कार तथा प्रमाणपत्रों की जांच में शामिल होने के लिए काल लेटर जारी नहीं करेगा।

अभ्यर्थी आयोग की वेबसाइट से ई-काल लेटर 22 सितंबर से डाउनलोड कर सकेंगे। ई काल लेटर डाउनलोड होने में किसी तरह की परेशानी पर अभ्यर्थी आयोग के काउंटर से भी इसे डाउनलोड करा सकेंगे। सहायक लोक अभियोजक मुख्य परीक्षा में कुल 194 अभ्यर्थी साक्षात्कार के लिए सफल घोषित किए गए हैं। इनमें 157 अभ्यर्थी अनारक्षित, आठ एससी, 13 एसटी, 10 बीसी-वन तथा छह अभ्यर्थी बीसी-टू श्रेणी के हैं।

ये सभी अभ्यर्थी साक्षात्कार में शामिल होंगे। बता दें कि कम संख्या में अभ्यर्थियों के क्वालिफाइ करने से रिक्त पदों के विरुद्ध तीन गुना अभ्यर्थी साक्षात्कार के लिए सफल घोषित नहीं किए जा सके थे। यह परीक्षा कुल 143 पदों के लिए हो रही है।

शिक्षकों को आदेश के विरुद्ध प्रभारी बनाने पर लोहरदगा डीईओ से मांगा स्पष्टीकरण

लोहरदगा के जिला शिक्षा पदाधिकारी अखिलेश चौधरी पर विभागीय आदेश की अवहेलना कर शिक्षकों को प्रभारी प्रधानाध्यापक बनाने के आरोप लगे हैं। दक्षिणी छोटानागपुर के क्षेत्रीय उपिनदेशक अरविंद विजय विलुंग ने इसे लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी से 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। बताया जाता है कि जिला शिक्षा पदाधिकारी ने विभागीय सचिव के आदेश की अवहेलना करते हुए उच्च और उत्क्रमित उच्च विद्यालयों में महज दो से तीन वर्ष की सेवा देनेवाले शिक्षकों को प्रभारी प्रधानाध्यापक बना दिया। नियम के अनुसार, पांच वर्ष से अधिक सेवा का अनुभव रखनेवाले शिक्षकों को ही प्रभारी प्रधानाध्यापक बनाया जा सकता है। क्षेत्रीय उपनिदेशक ने इसे स्वेच्छाचारिता बताते हुए इसकी जानकारी विभाग को भी देने की बात कही है।

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