अमानवीय: इलाज के पैसे के लिए 16 घंटे बंधक रखा शव, 25 हजार लेने के बाद छोड़ा Ranchi News

Jharkhand News मामला रांची के बरियातू के हेल्थ प्वाइंट अस्पताल का है। स्वजनों ने अस्‍पताल पर दुर्व्‍यवहार का भी आरोप लगाया है। दूसरी ओर रांची में ही एक एंबुलेंस ने आधा किलोमीटर के लिए 2500 रुपये वसूल किए।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Sat, 10 Apr 2021 01:29 PM (IST) Updated:Sat, 10 Apr 2021 05:04 PM (IST)
अमानवीय: इलाज के पैसे के लिए 16 घंटे बंधक रखा शव, 25 हजार लेने के बाद छोड़ा Ranchi News
Jharkhand News, Health Point Hospital Ranchi रांची में ही एक एंबुलेंस ने आधा किलोमीटर के लिए 2500 रुपये वसूल किए।

रांची, जासं। Jharkhand News, Health Point Hospital Ranchi कोरोना की दूसरी लहर के बीच अमानवीय घटनाएं भी सामने आने लगी हैं। रांची के बरियातू में स्थित हेल्थ प्वाइंट अस्पताल में पैसे के लिए 16 घंटे तक बच्चे के शव को बंधक बनाकर रखा गया। बाद में अस्पताल प्रबंधन को 25 हजार रुपये दिए गए, तब जाकर शव को स्वजनों को सौंपा गया। दरअसल, पलामू जिले के उपरीकला निवासी अर्जुन मेहता के आठ वर्षीय बेटे अभय को उसके गांव में बाइक सवार ने धक्का मार दिया था। घटना में अभय बुरी तरह घायल हो गया।

स्वजन बेहतर इलाज के लिए बच्‍चे को लेकर रांची के बरियातू स्थित हेल्थ प्वाइंट अस्पताल पहुंचे। यहां उसे छह अप्रैल को भर्ती किया गया। इलाज के नाम पर हेल्थ प्वाइंट अस्पताल प्रबंधन ने 80 हजार रुपये जमा करने के लिए कहा। स्वजनों ने किसी तरह अपने सगे संबंधियों से 80 हजार रुपये का इंतजाम कर पैसे का भुगतान भी कर दिया। इस बीच इलाज के दौरान शुक्रवार को अभय की मौत हो गई। हेल्थ प्वाइंट अस्पताल के कर्मचारियों ने 87 हजार रुपये के भुगतान के बाद ही शव देने की बात कही।

अभय के चाचा शंकर मेहता ने कहा कि गुरुवार को शाम चार बजे बच्चे को देखने गया था। बच्चे के शरीर में मूवमेंट था। अस्पताल की नर्स ने एबीजी ब्लड टेस्ट के नाम पर बिल करवाया। रात 8:00 बजे फिर बच्चे को देखने गया। लेकिन उसकी मौत हो चुकी थी। जबकि अस्पताल प्रबंधन ने शुक्रवार की देर रात 1:30 बजे मौत होने की बात कहते हुए 87 हजार रुपये का भुगतान करने के बाद शव देने की बात करने लगा।

चार यूनिट दिया था खून, नहीं हुआ इस्तेमाल

मृतक के पिता अर्जुन मेहता ने कहा कि जब बच्चे को देखने जाता था तो अस्पताल के कर्मचारी दुर्व्‍यवहार करते थे। बच्चे को खून की जरूरत होने की बात कहकर अस्पताल प्रबंधन ने चार यूनिट खून भी लिया, लेकिन खून नहीं चढ़ाया गया। पैसे की मांग करते हुए 16 घंटे तक लाश को बंधक बनाए रखा।

'बच्चे की मौत के बाद हमने स्वजनों को एंबुलेंस का इंतजाम करने के लिए कहा था। बिना पैसे लिए भी इलाज किया। शव छोड़ने के लिए पैसे की मांग नहीं की गई, जबकि उसका बिल बकाया था।' -गोपाल कुमार, प्रबंधक, हेल्थ प्वाइंट अस्पताल, रांची।

महज आधा किमी की दूरी के लिए एंबुलेंस ने वसूले 2500 रुपये

महज 500 मीटर की दूरी तय करने के लिए हेल्थ प्वाइंट अस्पताल प्रबंधन ने एंबुलेंस का चार्ज 2500 रुपये वसूल लिया। दरअसल रांची के अपर बाजार महावीर चौक के रहने वाले अंकित को बुखार और खांसी थी। अंकित के पिता ने उसे इलाज के लिए हेल्थ प्वाइंट हाॅस्पिटल में भर्ती कराया था। अस्पताल से कुछ जरूरी जांच के लिए अंकित को महज 500 मीटर की दूरी पर स्थित केयर डायग्नोस्टिक सेंटर ले जाना था। इसके एवज में हाॅस्पिटल ने 1500 रुपये एंबुलेंस के लिए, जबकि एक हजार रुपये पीपीई किट के लिए वसूले।

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