आइसीसी माइनिग कान्क्लेव: झारखंड में माइनिंग उद्योग के लिए बड़ी संभावनाएं: राज्यपाल रमेश बैस

जागरण संवाददाता रांची राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि किसी भी राष्ट्र और राज्य की अर्थव्यवस्

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 07:35 AM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 07:35 AM (IST)
आइसीसी माइनिग कान्क्लेव: झारखंड में माइनिंग उद्योग के लिए बड़ी संभावनाएं: राज्यपाल रमेश बैस
आइसीसी माइनिग कान्क्लेव: झारखंड में माइनिंग उद्योग के लिए बड़ी संभावनाएं: राज्यपाल रमेश बैस

जागरण संवाददाता, रांची : राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि किसी भी राष्ट्र और राज्य की अर्थव्यवस्था के विकास में उद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उद्योग से मेरा अर्थ सिर्फ बड़े उद्योग ही नहीं, बल्कि इसमें लघु एवं कुटीर उद्योग भी हैं और जिन राज्यों में उद्योग का विकास होता है, वहां रोजगार की दृष्टि से असीम संभावनाएं भी होती हैं, जो पलायन को भी रोकती है। राज्यपाल रमेश बैस शनिवार को होटल रेडिसन ब्लू में इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स, झारखंड चैंप्टर द्वारा 'खनन उद्योगों में स्वचालन और नवाचार : चुनौतियां और अवसर' विषय पर आयोजित चौथे आइसीसी माइनिग कॉन्क्लेव को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते रहे थे। राज्यपाल ने कहा कि प्रकृति ने झारखंड को खनिज संपदाओं से नवाजा है। खनन क्षेत्र में यहां उद्योग के विकास की भरपूर संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि भारतवर्ष भूगर्भीय रूप से समृद्ध देश है। आयरन के अलावा यहां टाइटेनियम, अभ्रक , मैंगनीज, बॉक्साइट सहित अन्य खनिज पदार्थों की बहुतायात है। यहां विश्व में मिलने वाली गुणवत्तापूर्ण अभ्रक का 60 प्रतिशत से भी अधिक उत्पादन किया जाता है और उत्पादन का अधिकांश हिस्सा विदेशों को निर्यात किया जाता है। लौह अयस्क के भंडारण में भी देश उत्कृष्ट स्थान पर है। देश में ऐसे कई खनिज पदार्थ हैं, जिनकी अभी खोज ही नहीं हो पाई है। अगर डायमंड की बात करें, तो देश में ऐसे कई स्थान हैं, जहां इनकी अब तक खोज नहीं हो पाई है। ऐसे क्षेत्र में उत्पादन के साथ निश्चित लागत में काम किया जा सकता है। हालांकि देश की खनन पद्धति में बदलाव की जरूरत है। उन्होंने आइसीसी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उम्मीद है कि इस कॉन्क्लेव के माध्यम से खनन क्षेत्र के लिए कई नई बातें सामने आएंगी, जो देश और राज्य के विकास में सहायक साबित होंगी। कॉन्क्लेव में बतौर विशिष्ट अतिथि यूसीआइएल के सीएमडी डा. सीके असनानी व आइआइटी-आइएसएम के निदेशक प्रो. राजीव शेखर के अलावा आइसीसी झारखंड राज्य परिषद के अध्यक्ष अविजीत घोष, आइसीसी के महानिदेशक डा. राजीव सिंह, सीएमपीडीआइएल के सीएमडी मनोज कुमार, मेकॉन लिमिटेड के सीएमडी सलील कुमार, सीसीएल के सीएमडी पीएम प्रसाद, आइएएस व झारखंड के पूर्व सरकारी अधिकारी एनएन पांडे आदि उपस्थित थे।

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माइनिग में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए आइसीसी और आइआइटी-आइएसएम के बीच एमओयू

कॉन्क्लेव के दौरान माइनिग में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आइसीसी और आइआइटी-आइएसएम के बीच एक एमओयू हुआ। उसके बाद माइनिग स्टार्टअप्स और टेक्समिन, आइआइटी-आइएसएम धनबाद के बीच भी समझौता हुआ।

इससे पूर्व आइसीसी झारखंड चैप्टर के अध्यक्ष अविजीत घोष ने स्वागत भाषण में कहा कि ऑटोमेशन भारत के खनन क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है। वहीं, आइसीसी के महानिदेशक डॉ. राजीव सिंह ने कहा कि खनन क्षेत्र में परिवर्तन होना चाहिए और इसे प्राप्त करने के लिए बड़े उद्योग के खिलाड़ी डाउनस्ट्रीम उद्योगों का समर्थन करने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। समारोह के दौरान आइएएस व झारखंड के पूर्व सरकारी अधिकारी एनएन पांडे ने कहा कि भारतीय खनन क्षेत्र को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले देशों के साथ समन्वय कायम कर उन्हें अपनी खनन प्रक्रिया में लागू करने की जरूरत है। उन्होंने एआइ, आइओटी और डिजिटलीकरण के लिए एक इको सिस्टम विकसित करना समय की जरूरत है। उन्होंने बताया कि सरकारी नीतियों में उत्पादकता बढ़ाने और जोखिम को कम करने के लिए नई तकनीकों और डिजिटलीकरण के उपयोग को शामिल किया जाना चाहिए।

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माइनिग क्षेत्र में कार्यरत चार महिलाएं वुमन माइनिग अचीवर अवार्ड से सम्मानित

कॉन्क्लेव के दौरान ²ढ़ इच्छाशक्ति के बल पर माइनिग क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने वाली चार साहसी महिलाओं को वुमन माइनिग अचीवर अवार्ड से सम्मानित किया गया। हजारीबाग स्थित त्रिवेणी सैनिक बड़कागांव, एनटीपीसी में कार्यरत दो महिला डंपर ट्रक ऑपरेटर लालमुनि देवी एवं सावित्री देवी के अलावा टाटा स्टील, नोवामुंडी में कार्यरत सीनियर मैनेजर (माइनिग ऑपरेशंस) अरुणा संकट्रला व बिपाशा विश्वास को राज्यपाल ने सम्मानित किया।

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