झारखंड में कैदियों के फरार होने की घटनाएं, जेल की सुरक्षा पर सवाल

इलाज के क्रम में कुख्यात कैदियों के फरार होने की घटनाएं सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल है। राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में इलाज के लिए लाया गया कुख्यात अपराधी कृष्णमोहन झा पुलिसकर्मियों को चकमा देकर फरार हो गया।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 12:25 PM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 12:25 PM (IST)
झारखंड में कैदियों के फरार होने की घटनाएं, जेल की सुरक्षा पर सवाल
कैदियों की पुख्ता हो सुरक्षा व्यवस्था। (फोटो: प्रतीकात्मक)

रांची, राज्य ब्यूरो। राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में इलाज के लिए लाया गया कुख्यात अपराधी कृष्णमोहन झा पुलिसकíमयों को चकमा देकर फरार हो गया। मेडिसिन आइसीयू में इलाजरत इस कैदी को कुछ दिन पहले ही रांची के होटवार जेल से लाकर रिम्स के मेडिसिन आइसीयू में भर्ती कराया गया था। पेटदर्द की शिकायत के बाद उसे रिम्स लाया गया था। पुलिस की लापरवाही के साथ ही इस घटना ने रिम्स की सुरक्षा व्यवस्था की भी पोल खोली। कुछ महीने पहले फरवरी में भी रिम्स से एक हत्यारोपित हथकड़ी समेत फरार हो गया था।

हालिया घटना की प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आइ है कि रिम्स में इलाजरत कैदी बिना हथकड़ी के था। वहीं उसकी निगरानी करने वाले पुलिसकíमयों का रवैया ढीला-ढाला, सुस्त और लापरवाह था। कैदी सामान्य मरीज की तरह स्वच्छंद था। पिछले कुछ वर्षो में कैदियों के भागने की दर्जनों घटनाएं सामने आने के बाद भी पुलिस और जेल के अधिकारी इस मामले में चुस्ती व सतर्कता बरतते नहीं दिखाई पड़ते। कोर्ट में पेशी के लिए कैदी को ले जाते समय या अस्पताल ले जाते समय तो और भी सतर्कता बरतने की जरूरत है। कैदियों के जेल से भागने की भी खबरें बीच-बीच में आ रही हैं। इन घटनाओं से सबक लेने की जरूरत है।

रिम्स की सुरक्षा की बात करें तो आए दिन यहां से कैदियों के फरार होने की खबरें सामने आती हैं। वहीं मरीजों के स्वजनों व चिकित्सकों के बीच मारपीट की घटनाएं भी आम हैं। हाल ही में छात्रों के बीच रैगिंग के मुद्दे को लेकर जमकर लाठी डंडे व मारपीट हुई। वहीं कुछ दिन पूर्व रिम्स में इलाजरत एक महिला से वहां के एक कर्मचारी ने दुष्कर्म का प्रयास किया। 24 जनवरी, 2018 को रिम्स में इलाजरत कैदी पिंटू बाथरूम की खिड़की तोड़कर फरार हो गया था। 16 मई, 2018 को हत्यारोपी बुधराम उरांव रिम्स से पुलिसकर्मियों को चकमा देकर फरार हो गया था। इसी तरह दो जनवरी, 2017 को दुमका जेल का सजायाफ्ता हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा कैदी राजेश यादव भी इसी आइसीयू वार्ड से भाग निकला था। 23 मई, 2014 को चतरा मंडल कारा का कैदी रामस्वरूप भारती रिम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग से भाग निकला था। यहां भी सुरक्षा पर ध्यान देने की जरूरत है। साथ ही लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों पर भी कड़ी कार्रवाई हो।

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