Jharkhand Politics: निजी क्षेत्र में भी 75 प्रतिशत स्थानीय लोगों को देना होगा रोजगार, झारखंड में रखी मांग

Jharkhand Politics सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा निजी क्षेत्र में स्थानीय को रोजगार में प्राथमिकता की अपनी मांग पर अडिग है। पार्टी महासचिव विनोद पांडेय के मुताबिक राज्य सरकार ने भी निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत स्थानीय लोगों को नियोजित करने की नीति बनाई है। इसका पालन कंपनियों को करना चाहिए।

By Kanchan SinghEdited By: Publish:Thu, 18 Nov 2021 12:01 AM (IST) Updated:Thu, 18 Nov 2021 12:01 AM (IST)
Jharkhand Politics: निजी क्षेत्र में भी 75 प्रतिशत स्थानीय लोगों को देना होगा रोजगार, झारखंड में रखी मांग
सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा निजी क्षेत्र में स्थानीय को रोजगार में प्राथमिकता की मांग पर अडिग है।

 रांची, राब्यू। सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा निजी क्षेत्र में स्थानीय को रोजगार में प्राथमिकता की अपनी मांग पर अडिग है। पार्टी महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय के मुताबिक राज्य सरकार ने भी निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत स्थानीय लोगों को नियोजित करने की नीति बनाई है। इसका पालन निजी क्षेत्र की कंपनियों को करना चाहिए। जो कंपनियां यहां कार्यरत हैं, उन्हें स्थानीय को रोजगार में प्राथमिकता देना चाहिए। कंपनियां राज्य के संसाधनों का उपयोग करती हैं और यहां से मुख्यालय बाहर ले जाना चाहती है, इसका प्रतिकार किया जाएगा।

कहा, जमशेदपुर में संगठन के निर्देश पर आंदोलन आरंभ किया गया है। टाटा कमिंस के मुख्यालय को राज्य से बाहर ले जाना गलत है। इसके अलावा स्थानीय लोगों को रोजगार देने की मांग है। इस आंदोलन में झारखंड मुक्ति मोर्चा की तीन जिला समितियों पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां की सहभागिता है। पार्टी के विधायकों के नेतृत्व में आंदोलन आरंभ हुआ है। यह महत्वपूर्ण विषय है और उद्योगों को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। राज्य सरकार के समक्ष भी संगठन ने यह मांग रखी है कि निजी क्षेत्र में स्थानीय को प्राथमिकता सुनिश्चित की जाए।

कोयला कंपनियों में भी 75 प्रतिशत नौकरी मिले स्थानीय को : राज्य सरकार ने कोयला कंपनियों को कहा है कि 75 प्रतिशत नौकरी स्थानीय लोगों को मुहैया कराया जाए। बीते दिनों केंद्रीय कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी के साथ मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस संबंध में स्पष्ट कहा था कि राज्य में सीसीएल, बीसीसीएल और इसीएल द्वारा कोयला उत्पादन के लिए जमीन का अधिग्रहण किया जाता है। सरकार ने निर्णय किया है कि सभी कोल माइंस में 75 प्रतिशत नौकरी स्थानीय लोगों को दिया जाए।

इसके अलावा कोल माइंस के लिए होने वाले टेंडर और कांट्रैक्ट में भी स्थानीय लोगों को हर हाल में प्राथमिकता आवश्यक है। इससे कोल माइंस को आपरेशनल बनाने में आ रही अड़चन दूर होगी और स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सकेगा। मुख्यमंत्री ने रैयतों को मुआवजा और सरकार को सरकारी जमीन के अधिग्रहण के बदले मिलने वाली राजस्व का मामला भी केंद्रीय मंत्री के समक्ष उठाया था।

chat bot
आपका साथी