Jharkhand High Court: डिप्टी कलेक्टर से एसडीओ पद पर प्रोन्नति के मामले में हाइकोर्ट ने झारखंड सरकार से पक्ष स्पष्ट करने को कहा
Jharkhand High Court झारखंड हाई कोर्ट में डिप्टी कलेक्टर से एसडीओ पद पर प्रोन्नत किए जाने के मामले में सुनवाई हुई। अदालत ने राज्य सरकार को अंतिम मौका देते हुए कहा कि वह अपना पक्ष स्पष्ट करें। जब अन्य विभागों में प्रोन्नति दी गई है तो यहां क्यों नहीं।
रांची, राब्यू। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस डाक्टर एसएन पाठक की अदालत में डिप्टी कलेक्टर से एसडीओ पद पर प्रोन्नत किए जाने के मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार को अंतिम मौका देते हुए कहा कि वह इस मामले में अपना पक्ष स्पष्ट करें। अदालत ने कहा कि जब रोक के बावजूद अन्य विभागों में प्रोन्नति दी गई है तो इस मामले में कोर्ट के आदेश का इंतजार क्यों किया जा रहा है।
अदालत ने कहा कि अगली सुनवाई के दौरान इस मामले में सरकार को अब और समय नहीं दिया जाएगा। बता दें कि इस संबंध में राज किशोर प्रसाद की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। उनके अधिवक्ता चंचल जैन ने अदालत को बताया कि डीपीसी के बाद 19 लोगों को एसडीओ पद पर प्रोन्नति दिए जाने की अनुशंसा की गई है। लेकिन राज्य सरकार ने पिछले साल दिसंबर माह में सभी प्रोन्नति पर रोक लगाने का हवाला देते हुए अधिसूचना जारी नहीं की है। उनकी ओर से उक्त आदेश को निरस्त करने की मांग की गई है।
पुलिस नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर हुई सुनवाई
झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में पुलिस नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज की ओर से कहा गया कि इस मामले में 4190 अभ्यर्थियों की ओर से वकालतनामा फाइल कर दिया गया है। अब उनकी ओर से इस मामले में उपरोक्त अभ्यर्थियों का पक्ष रखा जाएगा। उनकी ओर से कहा गया कि वह इस मामले में पहली बार पक्ष रख रही हैं, इसलिए इस मामले में प्रार्थी की ओर से दाखिल याचिका और राज्य सरकार के जवाब की एक प्रति उन्हें भी उपलब्ध कराई जाए।
इस पर अदालत ने वादी को संबंधित दस्तावेज देने का निर्देश दिया। अब इस मामले में 29 नवंबर को सुनवाई होगी। बता दें कि प्रार्थी सुनील टूडू की ओर से याचिका दाखिल कर राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2017 में पुलिस कांस्टेबल की नियुक्ति को चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि पुलिस मैनुअल में नियुक्ति से संबंधित प्रविधान किए गए हैं तो राज्य सरकार अलग से नियमावली कैसे बना सकते हैं।