सड़क हादसों में रोज जा रहीं 10 जानें

सड़कों का निर्माण भले ही लोगों को मंजिल तक पहुंचाने के लिए हुआ हो वास्तविकता में इन्हीं सड़कों पर सैकड़ों की संख्या में लोग जान भी गंवा रहे हैं। राज्य में प्रतिदिन 10 से अधिक लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में हो रही है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 01:00 AM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 01:00 AM (IST)
सड़क हादसों में रोज जा रहीं 10 जानें
सड़क हादसों में रोज जा रहीं 10 जानें

रांची : सड़कों का निर्माण भले ही लोगों को मंजिल तक पहुंचाने के लिए हुआ हो, वास्तविकता में इन्हीं सड़कों पर सैकड़ों की संख्या में लोग जान भी गंवा रहे हैं। राज्य में प्रतिदिन 10 से अधिक लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में हो रही है। यह आंकड़ा पिछले दो-तीन वर्षों से लगातार एक जैसा है। सड़कों पर ब्लैक स्पाट्स तय होने और उनका निदान करने के बाद दुर्घटनाओं की संख्या में कमी तो आई लेकिन मौत और घायलों की संख्या में खास अंतर नहीं दिखा। आप यूं भी कह सकते हैं कि इनकी संख्या कुछ ना कुछ बढ़ी ही है।

बड़ा कारण है तेज रफ्तार वाहनों की बढ़ती संख्या, ट्रैफिक नियमों की अनदेखी के लगातार हो रहे मामले और नए ब्लैक स्पाट्स के अस्तित्व में आने का बढ़ता क्रम। तमाम कमियों के बावजूद अच्छे संकेत यह हैं कि राज्य में ब्लैक स्पॉट्स भी कम हो रहे हैं और दुर्घटनाओं की संख्या में भी कमी आ रही है।

राज्य में सड़कों की स्थिति में सुधार के लगातार प्रयासों का नतीजा दिख तो रहा है लेकिन सड़कों पर अनुशासनहीनता रुक नहीं रही है। तेज रफ्तार में वाहन चलाने के मामलों पर कार्रवाई ना के बराबर होती है। इसी प्रकार, राज्य में कहीं भी नशे में धुत वाहन चालकों को पकड़ने का इंतजाम नहीं है। अगर कोई दुर्घटना नहीं हो तो ऐसे चालक कहीं पकड़ में आते भी नहीं हैं।

मामला इतना ही नहीं, कई बार हादसों के नए कारण भी देखने को मिल रहे हैं। प्रमुख सामान्य कारणों में अनफिट वाहनों का सड़क पर नियमित तौर पर परिचालन है। इन वाहनों को रोकने के लिए यदा-कदा अभियान तो चले, लेकिन दुर्घटना के मामलों में सुधार देखने को नहीं मिल रहा। राज्य में धुंध के कारण दुर्घटनाओं के मामले ना के बराबर रहे हैं। ऐसी सड़कें भी कम हैं जहां आम तौर पर वाहन सौ किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ऊपर चल सकें लेकिन अब धुंध के कारण दुर्घटनाएं होती दिखने लगी हैं।

---------- वर्ष दुर्घटनाएं मौत घायल

2019 5217 3801 3817

2018 5394 3542 3602

2017 5629 3256 3687

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