CBSE Class 12 Board Exams: छात्रों के लिए अहम दिन, सीबीएसई 12वीं बोर्ड परीक्षा पर बड़ा फैसला आज Good News
CBSE Class 12 Board Exams 2021 cbse.gov.in cbse.nic.in सीबीएसई 12वीं बोर्ड परीक्षा से संशय के बादल छंट गए हैं। अब केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के साथ ही स्कूलों में भी 12वीं बोर्ड परीक्षा की अंदरुनी तैयारी शुरू हो गई है।
रांची, जेएनएन। CBSE Class 12 Board Exams 2021 @ cbse.gov.in, cbse.nic.in केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की अहम बैठकों के बाद सीबीएसई 12वीं बोर्ड परीक्षा से संशय के बादल लगभग छंट गए हैं। अब केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के साथ ही स्कूलों में भी 12वीं बोर्ड परीक्षा की अंदरुनी तैयारी शुरू हो गई है। यह परीक्षा संभावित तौर पर 15 जुलाई से 26 अगस्त के बीच ली जाएगी। छात्रों के हक में फैसला करते हुए इस बार की परीक्षा होम सेंटर पर ली जाएगी। साथ ही पहले से तय परीक्षा अवधि तीन घंटे की बजाय इस परीक्षा में ऑब्जेक्टिव सवालों को हल करने के लिए डेढ़ घंटे का समय दिया जाएगा।
1 जून को होगा बड़ा फैसला, होगा परीक्षा तिथि का एलान
सीबीएसई की ओर से केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को दिए गए प्रस्तावों पर हालांकि आखिरी फैसला आना बाकी है। इस बारे में 1 जून को केंद्रीय शिक्षा मंत्री की अगुआई में सरकार और सीबीएसई की अहम बैठक के बाद अंतिम निर्णय का एलान किया जाएगा। संभव है कि इस दिन सीबीएसई 12वीं बोर्ड परीक्षा के लिए नई डेट शीट जारी कर दी जाए। जबकि बीते दिन शिक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने सीबीएसई 12वीं बोर्ड परीक्षा की तिथि एक जून को घोषित किए जाने के कयासों को खारिज करते हुए कहा कि इस तरह की रिपोर्ट पैनिक फैलाने वाला है। अबतक आधिकारिक तौर पर कुछ भी तय नहीं हुआ है।
15 जुलाई से शुरू हो सकती है परीक्षा
बहरहाल, सीबीएसई 12वीं बोर्ड परीक्षा को लेकर शिक्षा मंत्रालय की ओर से जो कुछ भी कहा जा रहा है, लेकिन मंत्रालय ने 15 जुलाई से परीक्षा आयोजित करने के दावे का खंडन अबतक नहीं किया है। जबकि सीबीएसई स्कूलों के संगठन के पदाधिकारी इंदिरा राजन ने स्कूलों के स्तर पर 12वीं बोर्ड परीक्षा से पहले प्रैक्टिस टेस्ट संचालित किए जाने की बात कही गई है।
सुप्रीम कोर्ट में अब सोमवार के बाद होगी सुनवाई
इधर, सुप्रीम कोर्ट ने सीबीएसई 12वीं बोर्ड परीक्षा रद करने की याचिका पर बीते दिन सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को याचिका की प्रति सीबीएसई को देने का निर्देश दिया है। उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में सोमवार के बाद आगे की सुनवाई करने का निर्देश दिया। ममता शर्मा अधिवक्ता की ओर से देशभर में बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते छात्रों में संक्रमण के खतरे को देखते हुए सीबीएसई 12वीं बोर्ड परीक्षा रद करने की जनहित याचिका शीर्ष अदालत में दाखिल की गई है। उनका तर्क है कि छात्र बहुत दबाव में हैं। इस साल की परीक्षा रद की जानी चाहिए।
अधिकतर राज्य परीक्षा कराने पर सहमत
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुआई में केंद्रीय मंत्रियों रमेश पोखरियाल निशंक, प्रकाश जावड़ेकर, स्मृति ईरानी के साथ बीते दिन राज्यों के साथ हुई हाइलेवल मीटिंग में अधिकतर राज्यों ने सीबीएसई 12वीं बोर्ड परीक्षा कराने पर सहमति जताई थी। दिल्ली, महाराष्ट्र, गोवा और अंडमान-निकोबार को छोड़कर 32 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने 12वीं बोर्ड परीक्षा सुरक्षा एहतियातों के साथ आयोजित कराने की हामी भरी। जबकि चार राज्यों ने परीक्षा से पहले छात्रों और शिक्षकों के कोविड वैक्सिनेशन कराने की मांग उठाई।
कम दिनों में निपट जाएगी परीक्षा
सीबीएसई अधिकारियों के हवाले से कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि अधिकतर राज्यों ने सीबीएसई 12वीं बोर्ड परीक्षा के लिए शॉर्ट फॉर्मेट एग्जाम पर सहमति दी है। राज्यों के सुझावों के अनुसार इस बार बोर्ड परीक्षा 90 मिनट की होगी। जबकि राजस्थान, त्रिपुरा और तेलंगाना ने तीन घंटे की परीक्षा, पुराने पैटर्न पर कराने की मांग की है। सभी राज्यों ने शिक्षा मंत्रालय को अपने लिखित सुझाव भी भेजे हैं। बहरहाल अब गेंद केंद्र सरकार के पाले में है। माना जा रहा है कि बीते साल 2020 की तरह कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए जुलाई में परीक्षा हो सकती है। सीबीएसई ने 15 जुलाई से 26 अगस्त तक परीक्षा और सितंबर में रिजल्ट घोषित करने का प्रस्ताव दिया है।
12वीं बोर्ड बेहतर भविष्य का नींव, जल्द हो परीक्षा
कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को देखते हुए सीबीएसई की 12वीं की बोर्ड परीक्षा को लेकर विद्यार्थियों में लगातार असमंजस बना हुआ है। केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों के साथ समीक्षा बैठक की है लेकिन अब तक इन बैठकों से कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश सामने नहीं आया हैं। इससे विद्यार्थियों का धैर्य भी जवाब देने लगा है। विद्यार्थियों का कहना है कि मार्च तक बोर्ड परीक्षाएं हो जाती थीं। वहीं महामारी के कारण इस साल सीबीएसई और राज्य सरकार का बोर्ड परीक्षा की तारीख को लेकर अब तक फैसला नहीं ले पाए हैं। उनके मुताबिक, 12वीं की बोर्ड परीक्षा भविष्य की नींव होती है। इस परीक्षा में मिले अंक उनका भविष्य तय करते हैं। वहीं स्कूल प्रशासन का भी मानना है कि 12वीं की बोर्ड परीक्षा जरूर होनी चाहिए।
बेहतर रिजल्ट के लिए तैयारियों में जुटे हैं विद्यार्थी
ग्रिजली विद्यालय में 12वीं की छात्रा अंकिता ने बताया कि बीते एक साल आनलाइन माध्यम से ही पढ़ाई हो रही है। यह बोर्ड परीक्षा उसके लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि उसे डीयू के अच्छे कॉलेज में दाखिला लेना है। वहां मेरिट के आधार पर ही दाखिला होगा। उसने कहा कि परीक्षा जल्द से जल्द आयोजित की जाए क्योंकि परीक्षा में मिले अंक न सिर्फ करियर बल्कि नौकरी के दौरान भी काम आएंगे।
वहीं एक अन्य विद्यार्थी रोहित ने कहा कि सीबीएसई की ओर से अब तक कोई स्पष्ट दिशानिर्देश नहीं जारी किया गया है। मार्च में होने वाली परीक्षा के बारे में मई में भी पता नहीं चल पाया कि कब तक परीक्षा होगी। इस अनिश्चितता के कारण विद्यार्थी परेशान भी हैं। उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार को इस बारे में जल्द फैसला लेना चाहिए।
स्कूल भी परीक्षा के पक्ष में
ग्रिजली विद्यालय के संचालक अविनाश सेठ का कहना है कि 12वीं बोर्ड की परीक्षा देने से छात्रों को जीवन में परीक्षा की अहमियत पता चलेगी। बोर्ड परीक्षा देने के बाद छात्रों को इन अंकों को देखकर प्रेरणा मिलेगी की लाख चुनौतियों के बावजूद विषम परिस्थितियों में भी उन्होंने परीक्षा दी और वो बेहतर अंक लाए। वहीं, शिक्षक राधेश्याम यादव ने कहा कि कोरोना काल में छात्रों की कक्षा आनलाइन माध्यम से ही हुई है। छात्रों के साथ शिक्षकों ने भी खूब मेहनत की है।