Coronavirus Update: केंद्र का आदेश, आवश्यक चीजों की कीमतों पर नजर रखे राज्य सरकार

Coronavirus Update देशभर में बढ़ते कोरोना वायरस संक्रमण मामलों के बीच केंद्र सरकार ने राज्‍यों को आवश्‍यक वस्‍तुओं की कीमतें नियंत्रण में रखने की हिदायत दी है। उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की अपर सचिव निधि खरे ने कहा कि आवश्यक चीजों की कीमतों में वृद्धि नहीं हो।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 12:12 PM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 08:16 PM (IST)
Coronavirus Update: केंद्र का आदेश, आवश्यक चीजों की कीमतों पर नजर रखे राज्य सरकार
Coronavirus Update: उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की अपर सचिव निधि खरे।

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। Coronavirus Update, Jharkhand News Samachar केंद्र सरकार ने झारखंड समेत तमाम राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि कोविड-19 के बढ़ते मामले से उत्पन्न हालात के दौरान आवश्यक वस्तुओं की खरीद को लेकर विशेष निगरानी रखें। खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय, उपभोक्ता मामले विभाग की अपर सचिव निधि खरे ने इस बाबत सभी राज्यों को पत्र भेजकर कहा है कि राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आवश्यक चीजों की कीमतों में वृद्धि नहीं हो। लगातार प्रतिष्ठानों, दवा दुकानों और खाद्यान्न भंडारों पर निगरानी रखी जाए। इस बाबत राज्य व जिला स्तर पर संयुक्त निगरानी टीम गठित करने का भी सुझाव दिया गया है। इसके अलावा यह भी निर्देश जारी किया गया है कि राज्य सरकार उपभोक्ताओं के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी करे, जिसपर वे अपनी शिकायतें दर्ज करा सकें।

केंद्र सरकार ने झारखंड सहित सभी राज्यों से कहा है कि कोविड-19 के बढ़ते मामले से उत्पन्न हालात के दौरान आवश्यक वस्तुओं की खरीद को लेकर विशेष निगरानी रखें। उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की अपर सचिव निधि खरे ने कहा है कि राज्य सरकारों को सुनिश्चित करना चाहिए कि आवश्यक चीजों की कीमतों में वृद्धि नहीं हो।

राज्‍यों को जारी की गई एडवाइजरी में अपर सचिव निधि खरे ने कहा है कि कोरोना संक्रमण के मामलों में अचानक वृद्धि के बीच आम आदमी को उचित मूल्य पर जरूरी सामान मिले, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए। किराना स्टोर, केमिस्ट/फार्मासिस्ट, किराना वेयरहाउस के संचालन को धारा 144 के तहत प्रतिबंधों से बाहर रखा जाना चाहिए ताकि खाद्य पदार्थों/दवाओं, स्वच्छता उत्पादों और सेवाओं सहित आवश्यक आपूर्ति को बनाए रखा जा सके। उन्‍होंने कहा कि राज्‍यों में यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सभी आवश्यक सामान की कीमतों में वृद्धि न हो और वे उचित कीमतों पर आम लोगों को आसानी से उपलब्ध हों।

अपर सचिव ने कोरोना संक्रमण के इस दौर में आने वाले समय के लिए खाद्य और नागरिक आपूर्ति, खाद्य नियंत्रक, खाद्य सुरक्षा स्वास्थ्य और पुलिस की संयुक्त टीमों का गठन करने का सुझाव दिया है। ताकि आवश्‍यक चीजों की सप्‍लाई की प्रभावी निगरानी की जा सके। आवश्यक सामान की जमाखोरी और अधिक कीमतों पर बेचे जाने की आशंका जताते हुए कहा कि कच्चे माल की लागत और विनिमय दरों में उतार-चढ़ाव पर भी नजर रखना जरूरी है। लोगों में आवश्यक सामान खरीदने की जल्‍दबाजी और हड़बड़ाहट को कम करने के लिए शासन-प्रशासन के स्‍तर पर आम जनों को जागरुक करने के साथ ही उपभोक्ताओं के लिए हेल्पलाइन भी खोले जा सकते हैं।

बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के चलते अभी कई राज्‍यों में कड़ी पाबंदियां लगाई गई हैं। कहीं लॉकडाउन तो कहीं नाइट कर्फ्यू तो कहीं धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगाई गई है। ऐसे में आवश्‍यक वस्‍तुओं की खरीद के लिए दुकानों पर ग्राहकों की लंबी कतारें लग रही हैं। झारखंड में अभी रात को 8 बजे के बाद तमाम दुकानों काे बंद करने का आदेश दिया गया है। इसके चलते दिन में लोग जरूरी सामान खरीदने के लिए बड़ी संख्‍या में घरों से बाहर निकल रहे हैं।

राज्‍य में नाइट कर्फ्यू सरीखी पाबंदियों को लोग लॉकडाउन की आहट मान रहे हैं। ऐसे में दिन में बाजार में भारी भीड़ जुट रही है। लोग दुकानों से आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी करने, उसका स्‍टॉक करने में लग गए हैं। रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल होने वाले सामान खरीदने की होड़ सी मची है। बड़ी तादाद में लोग किराना, खाद्य सामग्री, मोबाइल रिचार्ज, फल, अंडे और सब्जियों की दुकानों पर पहुंच रहे हैं। ऐसे में मुनाफाखोरी भी जमकर हो रही है।

केंद्र की ओर से जारी की गई एडवाइजरी में कहा गया है कि राज्‍य आवश्‍यक वस्‍तुओं की खरीदारी और जमाखोरी पर कड़ी नजर रखें। कोरोना वायरस के दूसरे स्ट्रेन के तेजी से फैलते संक्रमण के भय का आलम यह है कि लोग एक साल पहले लागू हुए लॉकडाउन को याद कर अपने घरों में सामान इकट्ठा कर रहे हैं। ताकि लोगों को जरूरी सामानों के लिए आगे परेशानी न उठानी पड़े। झारखंड के लोग कोरोना वायरस महामारी से इस कदर घबराए हुए हैं कि वे कभी भी लॉकडाउन लगने की आशंका से हलकान हैं।

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