प्रोटीन और इम्युनिटी बढ़ाने वाले तत्वों का खजाना है रुगड़ा, वेज मटन के नाम से है ये चर्चित
बिरसा कृषि विवि के वानिकी और औषधि पौधा विज्ञानी डा कौशल कुमार बताते हैं कि रुगड़ा प्राकृतिक रूप में जंगलों में बारिश में होता है। ये सिर्फ रंग-रूप में ही नहीं गुणों में भी मशरूम के समान है।
रांची, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के दौर में मजबूत इम्युनिटी की अहम भूमिका है। झारखंड के वनों में कई ऐसे जंगली उत्पाद हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करते हैं। ऐसा ही एक वनोत्पाद है। झारखंड का शाकाहारी मटन कहा जाने वाला रुगड़ा। आयुर्वेदाचार्य कैंसर और अस्थमा जैसे रोगों के इलाज में इसे लाभकारी मानते हैं।
कोरोना में शरीर की ताकत बढ़ाने में भी यह लाभकारी हो सकता है। इसमें कैलोरी कम और प्रोटीन भरपूर होता है। प्रोटीन बढ़ाने वाले दूसरे उत्पाद काफी कैलोरी वाले भी होते हैं, जो वजन बढ़ाते हैं। रुगड़ा में ऐसा नहीं है। ऐसे में यह मधुमेह और हृदय रोगियों के लिए उत्तम आहार है। वहीं, छत्तीसगढ़ में इसे बोड़ा मशरूम कहा जाता है।
क्या है रुगड़ा और क्यों खाएं
कहां पाया जाता है, क्या है दाम: रुगड़ा मुख्यतया झारखंड और आंशिक तौर पर उत्तराखंड, बंगाल, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश और ओडिशा में होता है। बरसात के शुरुआती दिनों में इसकी कीमत एक हजार से 12 सौ रुपये प्रति किलो तक होती है, जबकि अभी यह तीन हजार रुपये प्रति किलो में बिक रहा है।
इनपुट: रांची से मधुरेश नारायण और जगदलपुर से अनिल मिश्र