जूनियर डॉक्टरों की मांगों का आइएमए ने किया समर्थन, मुख्यमंत्री को पत्र लिख जल्द बकाया भुगतान की मांग

रिम्स समेत राज्य के पांच मेडिकल कॉलेज के सीनियर और जूनियर रेसिडेंट डॉक्टरों ने बकाया एरियर भुगतान की मांग को लेकर सोमवार से आंदोलन की शुरुआत कर दी है। 1 मार्च से 6 मार्च तक सभी मेडिकल कॉलेज के रेसिडेंट डॉक्टर काला बिल्ला लगाकर काम करने का निर्णय लिया गया।

By Vikram GiriEdited By: Publish:Wed, 03 Mar 2021 01:51 PM (IST) Updated:Wed, 03 Mar 2021 01:51 PM (IST)
जूनियर डॉक्टरों की मांगों का आइएमए ने किया समर्थन, मुख्यमंत्री को पत्र लिख जल्द बकाया भुगतान की मांग
जूनियर डॉक्टरों की मांगों का आइएमए ने किया समर्थन, मुख्यमंत्री को पत्र लिख जल्द बकाया भुगतान की मांग। जागरण

रांची, जासं । रिम्स समेत राज्य के अन्य पांच मेडिकल कॉलेज के सीनियर और जूनियर रेसिडेंट डॉक्टरों ने बकाया एरियर भुगतान की मांग को लेकर सोमवार से आंदोलन की शुरुआत कर दी है। 1 मार्च से 6 मार्च तक सभी मेडिकल कॉलेज के रेसिडेंट डॉक्टर काला बिल्ला लगाकर काम करने का निर्णय लिया गया। सभी मेडिकल कॉलेजों में उनका विरोध आज भी जारी है। तीन सालों के एरियर की मांग को लेकर चिकित्सकों के सब्र का बांध अब टूट चुका है। कोरोना काल के दौरान अपनी सेवा देने के बावजूद भी राज्य के करीब 700 जूनियर रेसिडेंट डॉक्टरों के अलावा सीनियर रेसिडेंट को 3 साल के एरियर का भुगतान नहीं किया गया है।

रिम्स के पूर्व जेडीए अध्यक्ष डॉ अजित ने कहा कि इस विरोध में आईएमए भी उनके सपोर्ट में आगे आयी है। आईएमए द्वारा मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए जल्द बकाया भुगतान करने की मांग की है। जिसमे मुख्यमंत्री का भी सकारात्मक रेस्पॉन्स मिल रहा है। इधर, ज्ञापन की प्रति स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, सचिव केके सोन को भी दी गई है। डॉ अजित ने कहा कि 6 मार्च तक विरोध करते हुए शांतिपूर्ण तरीके से इन्हें मोहलत दी गई है। अगर बकाया नहीं मिला तो राज्य भर के 700 से अधिक चिकित्सक हड़ताल में चले जाएंगे। जिससे राज्य के चिकित्सा व्यवस्था में काफी प्रभाव पड़ेगा। प्रोटेस्ट का नेतृत्व रिम्स जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन द्वारा किया जा रहा है। इसमें जेडीए के सदस्य डॉ विकास, डॉ अनितेश, डॉ चंद्रभूषण व अन्य की महत्वपूर्ण भूमिका है।

पूर्व में कई बार कर चुके है भुगतान के लिए अधिकारियों से मुलाकात

एक माह पूर्व रिम्स में हुई शासी परिषद की बैठक के बाद जूनियर डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, स्वास्थ्य सचिव और रिम्स निदेशक से मुलाकात कर एरियर भुगतान करने का आग्रह किया था। गौरतलब है कि 2016 से 2019 तक एरियर का भुगतान नहीं किया गया है। जिससे नाराज राज्य के 700 जूनियर रेसिडेंट डॉक्टर और सीनियर रेसिडेंट डॉक्टरों ने अपना विरोध शुरू किया है। रेसिडेंट डॉक्टरों ने कहा कि विभिन्न विभागों में काम कर चुके हाउस सर्जन का अभी तक एरियर भुगतान नहीं किया गया है। अधिकांश बैच एरियर की आस में रिम्स से पास होकर झारखंड के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में पोस्टेड हो चुके हैं। कई ऐसे चिकित्सक है जो दूसरे राज्यों में अपनी सेवा दे रहे हैं।

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