अवसर पहचानें युवा, ज्ञान और कौशल को ढालें वक्त की मांग के अनुरूप : राष्ट्रपति
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह में राष्ट्रपति ने संबोधित किया।
राज्य ब्यूरो, रांची : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए उन्हें लगातार ज्ञान-विज्ञान, कौशल और इनोवेशन से लैस रहने की सलाह दी। इस क्रम में उन्हें विश्वप्रसिद्ध नालंदा विश्वविद्यालय की भी याद दिलाई। राष्ट्रपति ने कहा कि नित नए इनोवेशन और तेजी से हो रहे परिवर्तनों के इस दौर में अपने ज्ञान और कौशल को लगातार प्रासंगिक बनाए रखें। यह एक चुनौती भी है और अवसर भी। इस दौरान उन्होंने युवाओं से स्वरोजगार अपनाने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए केंद्र व राज्य सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए गए हैं। इन अवसरों का समुचित उपयोग करते हुए जॉब क्रियेटर बनें। जिज्ञासा, उत्साह और सतर्कता के साथ अपने ज्ञान, कौशल और बुद्धि का सदैव विकास करने वाले व्यक्ति के लिए अपार अवसर उपलब्ध हैं।
राष्ट्रपति ने झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों से इस विश्वविद्यालय को नालंदा विश्वविद्यालय की तरह उत्कृष्ट बनाने और विश्वस्तरीय प्रतिमान स्थापित करने का आह्वान किया।
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छह साल बाद हुआ पहला दीक्षा समारोह, अब जारी रखें सिलसिला
झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के पहले दीक्षा समारोह का आयोजन स्थापना के छह साल बाद होने पर राष्ट्रपति ने सवाल उठाया। हालांकि उन्होंने इतने समय बाद भी पहला दीक्षांत समारोह आयोजित करने के लिए विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि इसमें समय तो बहुत लगा, लेकिन कहा जा सकता है कि देर आए दुरुस्त आए। राष्ट्रपति ने ट्रेन का उदाहरण देते हुए कहा कि जब कोई ट्रेन लेट होते हुए भी किसी स्टेशन से खुलती है तो यात्रियों को उम्मीद रहती है कि वह आगे चलती रहेगी। इसी तरह, विश्वविद्यालय में दीक्षा समारोह का क्रम शुरू हो गया है तो यह क्रम अब बरकरार रहना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों की अपेक्षाओं का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी अपेक्षा रहती है कि समय पर सत्र पूरा हो, परीक्षाएं हो, रिजल्ट निकले तथा उपाधि मिले। उन्होंने उम्मीद जताई कि आनेवाले समय में विश्वविद्यालय में प्रतिवर्ष दीक्षा समारोह आयोजित होगा।
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20 राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों के छात्र-छात्राएं कर रहे पढ़ाई
राष्ट्रपति ने यह जानकर प्रसन्नता जाहिर की कि उत्तर में लद्दाख से लेकर दक्षिण में केरल तक और पूर्वोत्तर में अरुणाचल प्रदेश से लेकर पश्चिम में महाराष्ट्र तक लगभग 20 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के छात्र-छात्राएं झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। यहां तक कि भूटान, मलेशिया और यमन से आए विद्यार्थी भी यहा शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं।
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छात्राओं का बढ़ाया हौसला, योजनाओं का लाभ उठाने को कहा
राष्ट्रपति ने कहा कि केंद्र सरकार ने साइंस एंड टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में छात्राओं को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष योजनाएं शुरू की हैं, जिनका छात्राओं को लाभ उठाना चाहिए। साइंस एंड टेक्नोलॉजी से जुड़ी उपयोगी सामग्री के लिए ऑनलाइन पोर्टल भी है जिनपर सरकारी योजनाएं, छात्रवृत्तियां तथा करियर की जानकारी उपलब्ध है। जेंडर एडवांसमेंट फॉर ट्रांसफारमिंग इंस्टीट्यूशंस नामक कार्यक्रम के माध्यम से महिलाओं की समानता के लिए विश्व की श्रेष्ठ पद्धतियों को अपनाने में संस्थानों की सहायता की जाएगी।