हमने ऐसे हराया कोरोना को, आप भी आजमाएं; पढ़ें कोरोना संक्रमित हुए प्रोफेसर की आपबीती

How to Protect Yourself from COVID 19 Jharkhand News कोरोना के कुछ लक्षण नजर आते ही होम आइसोलेशन होकर पहले दिन से डाॅक्टर से संपर्क कर सभी नियमों का पालन करना शुरू कर दें। भोजन कमी नहीं आने दें। फोन करने से कोरोना नहीं फैलता है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 05:19 PM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 07:30 PM (IST)
हमने ऐसे हराया कोरोना को, आप भी आजमाएं; पढ़ें कोरोना संक्रमित हुए प्रोफेसर की आपबीती
How to Protect Yourself from COVID 19, Jharkhand News डॉक्‍टर आनंद ठाकुर। जागरण

रांची, जासं। How to Protect Yourself from COVID 19, Jharkhand News कोरोना वायरस जैसी महामारी कई बार आई है और हम जीतकर आगे बढ़े हैं। क्योंकि हमने संयम व विवेक से काम लिया। बिना आत्मबल और मनोबल के नहीं जीता जाता। अभी इसी बात की जरूरत है। यह कहना है रांची विश्‍वविद्यालय के प्रोफेसर सह रेडियो खांची के निदेशक डाॅ. आनंद ठाकुर का। ये अभी तीन-चार दिन पहले ही कोरोना पॉजिटिव से निगेटिव हुए हैं। वे अब अपनी जिम्मेदारी घर से ही निभा रहे हैं। डाॅ. आनंद कहते हैं कि कोरोना के कुछ लक्षण समझ में आते ही होम आइसोलेशन होकर पहले दिन से डाॅक्टर से संपर्क कर सभी नियमों का पालन करना शुरू कर दिया।

भोजन में कमी नहीं आने दी और इसके प्राकृतिक नियम यानी भोजन में सलाद, प्याज, गाजर, रोटी, दूध, नींबू, शहद का पानी आदि का अनुपालन किया। मैं छह माह से गिलोय का सेवन कर रहा था। इसलिए बुखार से आगे कोई अन्य लक्षण नहीं दिखा और तेजी से रिकवर किया। वे कहते हैं कि इस वक्त भोजन बड़ा मायना रखता है। बुखार है फिर भी यह समझते हुए भोजन में कमी नहीं की कि अभी यही दवाई है। एक रोटी खाने में पांच मिनट लगते थे। आधा घंटा खाना खाने में लगता था। कुल मिलाकर खाने में कमी नहीं की।

चेहरे से गायब नहीं होने दिया मुस्कुराहट

डाॅ. आनंद ठाकुर कहते हैं कि डरना छोड़ दीजिए। इससे मानसिक, फिर शारीरिक कमजोरी हो जाती है। कहा कि हारमोनियम बजाता था। गाने सुनता था। मुस्कुराहट चेहरे से खत्म नहीं होने दिया। जब आप बीमार होते हैं तो दवा व नियम को वक्त दीजिए तो असर दिखना शुरू हो जाता है। परिवार से बातचीत करता रहा।

डाॅक्टर की मानें न की वाट्सएप देखें

फेसबुक व वाट्सएप यूनिवर्सिटी छोड़ दिया। हम डाॅक्टर की कही बातें मानते थे न कि वाट्सएप व फेसबुक की। डाॅ. ठाकुर कहते हैं कि ऐसे समय में दोस्त रिश्तेदार हालचाल जरूर लेते रहे। फोन करने से कोरोना नहीं फैलता है। इसकी कमी दिख रही है। साथ ही लोग समझें कि जब तक कोरोना का पुख्ता इंतजाम नहीं हो जाता है, तब तक भीड़ के कंसेप्ट को भूलना व छोड़ना होगा। भीड़ से बचना होगा। संयमित जीवन जीना होगा।

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