कांके डैम और हिनू नदी के किनारे अतिक्रमण कर बनाये गए घरों को किया गया ध्वस्त
राजधानी के कांके इलाके और हिनू से में अतिक्रमण कर बनाए गए कच्चे-पक्के कई घरों को प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया है। हिनू नदी के किनारे कुल 75 लोगों को अवैध निर्माण करने का नोटिस दिया गया था। इससे पहले बंधु नगर में मंगलवार को 10 मकान ध्वस्त किए गए।
रांची, जासं। राजधानी के कांके इलाके और हिनू से में अतिक्रमण कर बनाए गए कच्चे-पक्के कई घरों को प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया है। हिनू नदी के किनारे कुल 75 लोगों को अवैध निर्माण करने का नोटिस दिया गया था। इससे पहले बंधु नगर में मंगलवार को 10 मकान ध्वस्त किए गए थे। गुरुवार की दोपहर 1.30 बजे पुलिस और प्रशासनिक पदाधिकारियों की मौजूदगी में अतिक्रमण कर बनाए गए घरों पर जेसीबी चला उन्हें तोड़ दिया गया। अतिक्रमण हटाने को लेकर बड़ी संख्या में पुलिस जवानों की तैनाती की गई थी। पहले काफी विरोध हुआ जिसके बाद कुछ घंटे के लिए अतिक्रमण रोक दिया गया। इसके बाद फिर शुरू हुआ अतिक्रमण।
अतिक्रमण हटाने के दौरान दोनों इलाके में अफरा-तफरी का माहौल रहा। लोग अपने घरों से निकाले गए सामान को समेटने की जुगत में लगे रहे। अतिक्रमण हटाने को लेकर विगत तीन-चार दिनों से प्रशासन की ओर से अतिक्रमणकारियों को आगाह किया जा रहा था।
गुरूवार की दोपहर अंचलाधिकारी, इंस्पेक्टर समेत बड़ी बड़ी संख्या में महिला व पुलिस सिपाहियों तथा पदाधिकारियों के साथ कांके पहुंचे। जिन लोगों के घर हटाए जाने थे उनके घरों को पहले चिन्हित किया गया। घर चिन्हित हो जाने के बाद नगर निगम के जेसीबी से घरों को ध्वस्त कर दिया गया। अतिक्रमण हटाने के दौरान वहां लोगों की भारी भीड़ लगी रही।
बताया जा रहा है कि कांके डैम के कटहर गोंदा इलाके में डैम की जमीन पर बने 34 निर्माण को हटाने का नोटिस दिया गया है। डैम के हेसल मौजा में 53 और कटहल गोंदा में 34 लोगों का निर्माण अतिक्रमण के दायरे में है। पूर्व में हेसल से 53 निर्माण को हटा दिया गया है।
मालूम हो कि अतिक्रमण नहीं हटाए जाने पर कोर्ट ने अधिकारियों को फटकार लगाई थी। साथ ही कहा कि अगर अतिक्रमण नहीं हटाया तो क्या किया। कोर्ट ने पूछा कि अतिक्रमण हटाने को लेकर अबतक क्या कदम उठाए गए है इसकी भी जानकारी उपलब्ध कराए। साथ ही सभी संबंधित अधिकारियों को अगली सुनवाई में भी उपस्थित रहने को कहा गया है। वर्चुअल सुनवाई में रांची डीसी, एसएसपी और नगर आयुक्त उपस्थित थे। नगर आयुक्त ने कोर्ट को बताया कि मैनपावर की कमी के कारण अतिक्रमण हटाने का कार्य नहीं हो पाया था। अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार ने कोर्ट को बताया था कि, सरकार अतिक्रमण हटाने को लेकर गंभीर है। साथ ही कहा कि जिन लोगों ने अतिक्रमण किया है, उन्हें नोटिस भेजा गया है। कोर्ट ने जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि हर दो सप्ताह में अतिक्रमण करने वालों पर कार्रवाई की जानकारी उपलब्ध कराए।