होटल अलकोर प्रकरण के आरोपितों की जमानत पर छह को फैसला

रांची झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आर मुखोपाध्याय की अदालत में गुरुवार को जमशेदपुर के होटल अलकोर में देह व्यापार के आरोपितों की जमानत पर सुनवाई हुई। सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। छह जुलाई को इस मामले में अदालत अपना फैसला सुनाएगी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Jul 2020 02:21 AM (IST) Updated:Fri, 03 Jul 2020 06:17 AM (IST)
होटल अलकोर प्रकरण के आरोपितों की जमानत पर छह को फैसला
होटल अलकोर प्रकरण के आरोपितों की जमानत पर छह को फैसला

रांची : झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आर मुखोपाध्याय की अदालत में गुरुवार को जमशेदपुर के होटल अलकोर में देह व्यापार के आरोपितों की जमानत पर सुनवाई हुई। सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। छह जुलाई को इस मामले में अदालत अपना फैसला सुनाएगी।

मामले के आरोपित होटल मालिक राजीव दुग्गल, राजेश मंगोतिया, राहुल अग्रवाल, शरद पोद्दार, रजत जग्गी, दीपक अग्रवाल की जमानत याचिका निचली अदालत से खारिज हो चुकी है। इसके बाद सभी ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर जमानत की गुहार लगाई है।

सुनवाई के दौरान वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार व विकास कुमार ने अदालत को बताया कि इस मामले में पकड़ी गई लड़की को निचली अदालत से जमानत मिल गई है। लड़की उस होटल में ठहरी थी। उसने पुलिस को दिए बयान में सारी बातें बताई हैं, जिसमें उसने शरद पोद्दार को अपना पुरुष मित्र बताया है। वह उससे पहले भी मिल चुकी है। ऐसे में देह व्यापार का आरोप सही नहीं है। इसी तरह सभी आरोपितों की ओर से पुलिस द्वारा देह व्यापार के आरोपों को नकारते हुए जमानत दिए जाने की गुहार लगाई गई। लगभग डेढ़ घंटे तक चली बहस के बाद अदालत ने छह जुलाई तक के लिए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। बता दें कि इन आरोपितों के खिलाफ देह व्यापार किए जाने व लॉकडाउन उल्लंघन करने की प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने अप्रैल में ही सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, तभी से वे जेल में बंद हैं।

------------------- रिश्वत मामले में पूर्व कार्यपालक अभियंता को नहीं मिली राहत

राची : झारखंड हाई कोर्ट ने गुरुवार को रिश्वत लेने के आरोपित पूर्व कार्यपालक अभियंता शकर पासवान की क्वैशिग (निरस्त) याचिका को खारिज कर दिया। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के अधिवक्ता टीएन वर्मा ने अदालत को बताया कि पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल गोड्डा के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता शकर पासवान ने 30 लाख रुपये के भुगतान के मामले में संवेदक से चेक के जरिए रिश्वत ली थी। अपने और पत्नी के संयुक्त खाते में उन्होंने रिश्वत के 3.35 लाख रुपये जमा कराए थे। इसकी शिकायत की गई थी। इस मामले में सरकार ने प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था। इस मामले में शंकर पासवान की ओर से प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी।

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