Hindu New Year 2021: मिलिंद परांडे बोले, विश्व हिंदू परिषद लोगों में जगाएगा स्वदेशी और स्वावलंबन का भाव
Hindu New Year 2021 विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा कि लोगों में स्वदेशी-स्वावलंबन का भाव जगाना होगा। इसे बढ़ावा देकर देश को सभी क्षेत्रों में आगे ले जाने में हम सहयोग कर सकते हैं। हर हाथ को काम कैसे मिले इसकी चिंता करनी होगी।
रांची, [संजय कुमार]। Hindu New Year 2021 विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा है कि लोगों में हमें स्वदेशी एवं स्वावलंबन का भाव जगाना होगा। इसे बढ़ावा देकर देश को सभी क्षेत्रों में आगे ले जाने में हम सहयोग कर सकते हैं। हर हाथ को काम कैसे मिले, इसकी चिंता करनी होगी। इसके लिए हमें पर्यावरण की रक्षा करते हुए गो आधारित खेती और कुटीर उद्योग को बढ़ावा देना होगा। अनुसंधान के क्षेत्र में भी काम करना होगा। कोरोना संक्रमण के कारण पिछले वर्ष लोगों को काफी आर्थिक परेशानियां झेलनी पड़ी, अब इन परेशानियों से कैसे छुटकारा मिले, इसकी चिंता हमें मिलकर करनी होगी।
वे सोमवार को वर्ष प्रतिपदा विक्रम संवत 2078 की पूर्व संध्या पर संघ परिवार से जुड़े कार्यकर्ताओं को नई दिल्ली से आनलाइन संबोधित कर रहे थे। परांडे ने कहा कि अपना देश भारत आत्मनिर्भर कैसे बने इसके लिए कार्य संस्कृति बदलनी होगी। समाज को आगे आना होगा। लघु उद्योगों को बढ़ावा देकर कई क्षेत्रों में दूसरे देशों के सामान पर अपनी निर्भरता हम कम कर सकते हैं।
मंदिरों के सरकारी नियंत्रण से मुक्ति के लिए करना होगा काम
परांडे ने कहा कि देश के लाखों मंदिर अभी सरकारी नियंत्रण में हैं। इन मंदिरों की मुक्ति के लिए प्रयास करने होंगे। सरकार पर कानून बनाने के लिए दबाव बनाने के साथ-साथ समाज के बीच जाकर जागरण करना होगा। जो मंदिर सरकारी नियंत्रण से मुक्त होंगे, उसके संचालन एवं प्रबंधन की अच्छी व्यवस्था करनी होगी। समाज में छुआछूत, दहेज प्रथा, भ्रूण हत्या जैसी कई कुरीतियां व्याप्त हैं। इन कुरीतियों को दूर करने के लिए हम सभी लोगों को मिलकर काम करना होगा।
ईसाई मिशनरियों के षडयंत्र को रोकने के प्रयास करने होंगे
मिलिंद ने कहा कि मतांतरण के लिए पूरे देश में ईसाई मिशनरियों का षडयंत्र चल रहा है। लव जिहाद के लिए हत्याएं हो रही हैं। अर्बन नक्सली सर उठा रहे हैं। इन सभी को रोकने के नए वर्ष में काम करने होंगे। हिंदू चिंतन की स्वीकार्यता पूरे विश्व में बढ़ी है। इसलिए संपूर्ण विश्व में हिंदू समाज की रक्षा के लिए संकल्प लेने होंगे।