सिमडेगा के नवोदय विद्यालय में हिंदी पखवाड़े का हुआ आयोजिन, दिलाई गई शपथ

सिमडेगा के जवाहर नवोदय विद्यालय में बुधवार को पंद्रह दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें हिन्‍दी के इस्‍तेमाल व स्‍वच्‍छता के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए संकल्‍प दिलाया गया। बच्‍चों के साथ साथ अभिभावकों को जानकारी देने का निर्णय हुआ।

By Brajesh MishraEdited By: Publish:Wed, 01 Sep 2021 05:08 PM (IST) Updated:Wed, 01 Sep 2021 05:08 PM (IST)
सिमडेगा के नवोदय विद्यालय में हिंदी पखवाड़े का हुआ आयोजिन, दिलाई गई शपथ
सिमडेगा में जवाहर नवोदय विद्यालय में हिंदी पखवाड़ा एवं स्वच्छता पखवाड़ा की शुरुआत हुई ।

कोलेबिरा(सिमडेगा),जासं। झारखंड के सिमडेगा में जवाहर नवोदय विद्यालय में हिंदी पखवाड़ा एवं स्वच्छता पखवाड़ा की शुरुआत हुई । इस अवसर पर प्राचार्य बी पी गुप्ता ने हिंदी की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हिंदी जन-जन की भाषा है । इसे विश्व पटल पर और भी समृद्ध करने की जरूरत है। किसी भी राष्ट्र के उत्थान में वहां की भाषा की अहम भूमिका होती है । उन्होंने स्वच्छता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सफाई ही स्वर्ग है।

विद्यालय के राजभाषा प्रभारी रामायण पासवान ने बताया कि 1 सितंबर से 15 सितंबर तक विद्यालय स्तर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा । इन प्रतियोगिताओं में सफल प्रतिभागियों को 15 सितंबर को पुरस्कृत किया जाएगा । इस मौके पर विद्यालयकर्मियों ने स्वच्छता की शपथ ली। इस अवसर वरीय शिक्षक संजय कुमार सिन्हा, मनोज कुमार, सुनील कुमार सिंह, नमिता कुमारी, श्रवण कुमार चौरसिया, डॉ. सुमन कुमार सिंह, दीप्ति यादव, बी के भुईंया, पी सी कंडुलना, दीपांकर हल्दर, रूपा रोज़ बिलुंग, इंदिरा मिश्रा, पूनम कुमारी, बिकास चंद्रा, अवधेश रजक, प्रियंका प्रिया, अवधेश कुमार सिंह, संजीव कुमार तिवारी, एस. अंसारी, अंजु तिग्गा सहित सभी कर्मचारी मौजूद थे। मंच संचालन राजभाषा प्रभारी रामायण पासवान तथा धन्यवाद ज्ञापन इंदिरा मिश्रा ने किया। कार्यक्रम के दौरान मौजूद कई लोगों से इस बारे में अपने विचार साझा किए।

लगातार होंगे विविध कार्यक्रम

पखवाड़े के दौरान पूरे पंद्रह दिनों तक आयोजित होने वाले कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार कर ली गई है। इसके तहत एक तरफ जहां लोगों को स्‍वच्‍छता के बारे में जानकारी दी जाएगी। वहीं दूसरी तरफ लोगों को हिंदी के ज्‍यादा से ज्‍यादा इस्‍तेमाल के बारे में बताया जाएगा। इसके लिए सबसे अधिक जोर बच्‍चों को इस बारे में जागरूक करने पर है। इसके लिए शिक्षकों को विशेष रूप से जिम्‍मेदारी दी गई है। कहा गया है कि वह इस बारे में अभिभावकों को भी जानकारी दें।

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