Jharkhand: हाई स्कूल शिक्षक बोले, नियोजन नीति पर सुप्रीम कोर्ट में सही तथ्य रखे झारखंड सरकार

Jharkhand Government शिक्षकों का कहना है कि राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट में सही तथ्य सामने रखने चाहिए। इसमें बताना चाहिए कि 13 जिलों को अनुसूचित जिला घोषित करने की अधिसूचना राष्ट्रपति की तरफ से जारी की गई है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Sun, 22 Nov 2020 02:43 PM (IST) Updated:Sun, 22 Nov 2020 02:47 PM (IST)
Jharkhand: हाई स्कूल शिक्षक बोले, नियोजन नीति पर सुप्रीम कोर्ट में सही तथ्य रखे झारखंड सरकार
झारखंड सरकार हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका दाखिल की है।

रांची, जासं। झारखंड सरकार ने नियोजन नीति पर दिए गए हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की है। सरकार की ओर से नियोजन नीति को अवैध घोषित करने व अधिसूचित जिलों में शिक्षकों की नियुक्ति रद करने के आदेश के खिलाफ याचिका दाखिल की गई है। हाई कोर्ट के फैसले के बाद हाई स्कूल के शिक्षक पहले ही इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर चुके हैं। राज्य सरकार की तरफ से इसमें शामिल होने पर शिक्षकों ने खुशी जताई है।

शिक्षकों का कहना है कि राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट में सही तथ्य सामने रखना चाहिए। इसमें यह बताना चाहिए कि 13 जिलों को अनुसूचित जिला घोषित करने की अधिसूचना राष्ट्रपति की तरफ से जारी की गई है। इसके आलोक में नियोजन नीति बनाई गई। हाई कोर्ट के समक्ष इस तथ्य को नहीं रखा गया। राज्य सरकार की तरफ से तय नियोजन नीति और राज्यपाल के अधिकार का हवाला देते हुए हाई कोर्ट ने निर्णय दिया। हकीकत यह है कि यह संसद से तय किया गया अधिकार है।

इस पर राष्ट्रपति की तरफ से अधिसूचना जारी की गई है। लिहाजा इन जिलों को प्राप्त अधिकार को चुनौती नहीं दी जा सकती। दरअसल झारखंड हाई कोर्ट की वृहद पीठ ने झारखंड सरकार की नियोजन नीति को असंवैधानिक घोषित करते हुए कहा है कि किसी भी हाल में किसी भी पद को शत प्रतिशत आरक्षित नहीं किया जा सकता है। इसके साथ ही अदालत ने नियोजन नीति के तहत 13 अधिसूचित जिलों में हुई शिक्षकों की नियुक्ति को भी रद करते हुए दोबारा नियुक्ति करने का आदेश दिया था।

हालांकि शिक्षकों की नियुक्ति को रद करने के आदेश के बाद कई शिक्षक सुप्रीम कोर्ट में पहले ही याचिका दाखिल कर चुके हैं। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल उन्हें अंतरिम राहत देते हुए उनकी नियुक्ति को बहाल रखा है। बता दें कि राज्य सरकार ने नियोजन नीति के तहत राज्य के 13 जिलों को अधिसूचित और 11 को गैर अधिसूचित घोषित किया है। अधिसूचित जिलों में तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग के सभी पद वहां के स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित किया गया था। इसी के आधार पर वर्ष 2016 में शिक्षक नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया गया था।

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