जलस्त्रोतों को संरक्षित करने पर गंभीरता दिखाए झारखंड सरकार: हाई कोर्ट
रांची के बड़ा तालाब सहित अन्य जलस्रोतों में हुए अतिक्रमण के खिलाफ दाखिल याचिका पर आज सुनवाई हुई। यह मामला चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध था। पिछली सुनवाई में अदालत ने सरकार और नगर निगम से सवाल पूछा था।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट में रांची के बड़ा तालाब सहित अन्य जलस्रोतों को संरक्षित रखने और अतिक्रमण मुक्त करने के लिए दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार को सभी जलस्रोतों को संरक्षित रखने के लिए गंभीरता दिखानी चाहिए, लेकिन अभी तक के प्रयास से ऐसा नहीं लग रहा है। अदालत ने कहा कि इसको लेकर कोर्ट गंभीर है और इस मामले में किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कोर्ट किसी को गलत ठहरा नहीं रही है बल्कि हम पिछली गलतियों से सीख लेते हुए हालात को सुधारें। ऐसा नहीं किया गया तो भावी पीढ़ी को शुद्ध जल नहीं मिलेगा और वह हमें कभी माफ नहीं करेगी। इस दौरान अदालत से रांची नगर निगम और सरकार ने समय दिए जाने की मांग की गई। इसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।
रांची के बड़ा तालाब सहित अन्य जलस्रोतों में हुए अतिक्रमण के खिलाफ दाखिल याचिका पर आज सुनवाई हुई। यह मामला चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध था। पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकार और नगर निगम से पूछा था कि 30 साल पहले रांची में कितने जलस्रोत थे और कितनी हरियाली थी। वर्तमान में कितने जलस्रोत बचे हैं और उनकी स्थिति कैसी है। इस दौरान रांची नगर निगम कहा था कि रांची के जलस्रोतों से अतिक्रमण हटाया जा रहा है।
अतिक्रमण करने वाले लोगों को नोटिस भी दिया गया है। लेकिन अदालत निगम के जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ था और निगम से दोबारा जवाब मांगा है। इस संबंध में अधिवक्ता खुशबू कटारूका मोदी ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि बड़ा तालाब के कुछ क्षेत्र को अतिक्रमित कर लिया गया है। इसके अलावा तालाब में आस-पास का गंदा पानी आता है, इससे तालाब का पानी प्रदूषित हो रहा है।
सरकार की ओर से तालाब का सौंदर्यीकरण किया गया, लेकिन इसके चलते तालाब को कंकरीट की दीवारों से घेर दिया गया है। अदालत इस मामले में रांची के बड़ा तालाब, कांके डैम और धुर्वा डैम सहित अन्य जलस्रोतों में हुए अतिक्रमण के खिलाफ सुनवाई कर रहा है। इधर, नगर निगम की ओर से इन जगहों पर अतिक्रमण करने वालों को नोटिस दिया गया है? और कुछ जगहों पर अभियान चलाकर जमीन को अतिक्रमण मुक्त किया गया है।