झारखंड में इथेनॉल उद्योगों को 25 प्रतिशत सब्सिडी देगी हेमंत सरकार, ड्राफ्ट तैयार; जानिए किसे होगा फायदा
Stakeholders Meet in Jharkhand Ethanol Production Promotion Policy 2021 राज्य सरकार इथेनॉल उत्पादन को प्रोत्साहन देने के लिए निवेशकों को 25 प्रतिशत तक कैपिटल सब्सिडी देगी। लघु उद्योगों के लिए यह राशि अधिकतम 10 करोड़ तथा बड़े उद्योगों के लिए 50 करोड़ रुपये होगी।
रांची, राज्य ब्यूरो। राज्य सरकार इथेनॉल उत्पादन को प्रोत्साहन देने के लिए निवेशकों को 25 प्रतिशत तक कैपिटल सब्सिडी देगी। लघु उद्योगों के लिए यह राशि अधिकतम 10 करोड़ तथा बड़े उद्योगों के लिए 50 करोड़ रुपये होगी। राज्य सरकार द्वारा तैयार झारखंड इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति, 2021 के ड्राफ्ट में इसका प्रविधान किया गया है। इसके तहत राज्य सरकार इथेनॉल उत्पादन उद्योगों को स्टांप ड्यूटी तथा निबंधन में 100 प्रतिशत तक की छूट प्रदान करेगी। मंगलवार को स्टेक होल्डर के साथ हुई बैठक में इस प्रस्तावित नीति के संबंध में जानकारी दी गई तथा उनसे सुझाव लिए गए।
प्रस्तावित नीति के अनुसार छोटे उद्योगों को पांच वर्षों तक 100 प्रतिशत एसजीएसटी की प्रतिपूर्ति की जाएगी। बड़े उद्योगों को सात साल तथा अल्ट्रा मेगा उद्योगों को नौ साल तक या छूट मिलेगी। इतना ही नहीं, उद्योगों को अपने कर्मचारियों के स्किल डवलपमेंट के लिए प्रति कर्मचारी 13 हजार रुपये की दर से स्किल डवलमेंट सब्सिडी भी प्रदान की जाएगी। उद्योग सचिव पूजा सिंघल ने इस प्रस्तावित नीति पर चर्चा करते हुए कहा कि झारखंड में इस उद्योग की काफी संभावनाएं हैं। उन्होंने बताया कि उद्योग नीति लागू होने के बाद फूड एंड प्रोसेसिंग पॉलिसी, रूरल इंडस्ट्री डवलपमेंट पॉलिसी, इंडस्ट्री पार्क प्रमोशन पॉलिसी आदि पर काम किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में देश में इथेनॉल का उत्पादन तीन हजार मिलियन लीटर है, जबकि खपत 3820 मिलियन लीटर है। उन्होंने स्टेक होल्डर को बताया कि नेशनल पॉलिसी ऑन बायोफ्यूल्स के तहत जीएसटी 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है। यह भी बताया कि राज्य सरकार ने एक साल में 10 इंडस्ट्रियल पार्क की स्थापना का निर्णय लिया है। इस साल के अंत तक कम से कम पांच ऐसे इंडस्ट्रियल पार्क की स्थापना कर दी जाएगी। उद्योग निदेशक जे. सिंह ने कहा कि इथेनॉल का उपयोग पेट्रोल के अलावा कई अन्य चीजों में किया जाता है। इसके कच्चा माल के रूप में चावल, मक्का, ईख आदि का उत्पादन झारखंड में सरप्लस होता है। इससे इस उद्योग की संभावना यहां अधिक है।