Jharkhand: उद्योगों पर हेमंत सरकार मेहरबान, बड़े निवेशकों को बड़ी राहत देने की तैयारी; जानें
Jharkhand News Hemant Soren हेमंत सरकार एमएसएमई सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए बड़ी छूट का एलान कर सकती है। इस बार कैबिनेट में नई उद्योग नीति का प्रारूप पेश होगा। 50 करोड़ से अधिक का निवेश करने वालों को 30 प्रतिशत तक सब्सिडी देने पर विचार हो रहा है।
रांची, राज्य ब्यूरो। हेमंत सरकार उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए नए नीति में कई नए प्रविधानों को जोड़ने की तैयारी में है। सरकार की तैयारियों के अनुसार मध्यम एवं लघु उद्योगों को बड़ी राहत दी जा सकती है। माना जा रहा है कि राज्य में 50 करोड़ रुपये तक का निवेश करनेवाली कंपनियों को 25-30 फीसद तक सब्सिडी देने की घोषणा नई उद्योग प्रोत्साहन नीति में कर सकती है। राज्य सरकार एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) सेक्टर को भी बड़ी राहत देने के लिए पूर्व के प्रस्तावों से बड़ा अवसर देने की तैयारी में है।
सरकार की यह भी कोशिश है कि राज्य में स्वास्थ्य के क्षेत्र में निवेश को बढ़ाया जाए और इस बार मल्टी स्पेशियलिटी हाॅस्पिटल खोलने पर भी रियायत दी जाएगी। इतना ही नहीं, तैयारियों के अनुसार झारखंड में डिस्टिलरी प्लांट खोलने पर भी सरकार सब्सिडी देगी। दरअसल, पुरानी उद्योग प्रोत्साहन नीति की समय सीमा समाप्त होने के बाद नई उद्योग नीति तैयार करना सरकार के लिए भी जरूरी है। सूत्रों के अनुसार उद्योग विभाग का प्रस्ताव फिलहाल वित्त विभाग के पास है, जहां से कुछ बिंदुओं पर बदलाव की सलाह दी गई है।
उद्योग विभाग इस बात को भी ध्यान में रखकर चल रहा है कि नई नीति में उन बातों को नहीं रखा जाए, जिसका लाभ निवेश बढ़ाने में नहीं मिलता। राहत पैकेज बढ़ाने से निवेश बढ़ने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। वित्त विभाग से पास होते ही प्रस्ताव कैबिनेट के पास विचार के लिए पहुंचेगा। ज्ञात हो कि उद्योगों को निवेश के आधार पर राहत कई तरीकों से मिलती है। भवन निर्माण से लेकर बिजली के बिल तक में छूट दी जाती है।
नई नीति के इस प्रारूप में पूर्व की नेट, वैट एवं जीएसटी प्रोत्साहन को बढ़ाकर 100 प्रतिशत कर दिया गया है। कंपनी के निर्माण लागत, रोजगार के प्रविधान आदि के मानकों के अनुरूप छूट कई फेजों में दी जाती है। इस बार पिछड़े क्षेत्रों में अतिरिक्त एक प्रतिशत ब्याज सब्सिडी का प्रस्ताव दिया गया है, ताकि इस प्रोत्साहन से राज्य में निवेश को आ रहे औद्योगिक इकाइयों को वित्तीय राहत मिल सके। कोविड-19 महामारी के बाद औद्योगिक उत्पादन को बढ़ाकर लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने की मंशा से ये बदलाव किए जा रहे हैं।
उद्योग जगत की मांग पर कई बदलाव
उद्योग नीति में उद्योग जगत की जरूरतों एवं मांग को भी ध्यान में रखा गया है। पुराने और बिना काम के कानूनों और प्रक्रियाओं को समाप्त करने की कवायद भी की जा रही है। सौ से अधिक ऐसे पुराने नियम बदलने की बात की जा रही है, जिसके कारण उद्यमियों को परेशानी होती थी और कहीं ना कहीं निरीक्षण और जांच के नाम पर डराया जाता था। इन नियमों में बदलाव के लिए केंद्र से भी समय-समय पर सुझाव सरकार को मिलते रहे हैं।