एचईसी में कर्मचारियों ने किया विरोध-प्रदर्शन, साढ़े चार माह से नहीं मिला है वेतन Ranchi News

HEC Ranchi Jharkhand News कर्मचारी बता रहे हैं कि पहले वेतन नहीं मिलने पर आस पड़ोस के दुकानदार उन्हें उधार राशन दे देते थे। मगर अब हालत ऐसी है कि उन्होंने भी राशन देने से मना कर दिया है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 04:06 PM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 04:21 PM (IST)
एचईसी में कर्मचारियों ने किया विरोध-प्रदर्शन, साढ़े चार माह से नहीं मिला है वेतन Ranchi News
कर्मचारियों का कहना है कि वेतन नहीं मिलने से वे परेशान हैं।

रांची, जासं। रांची की हैवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन यानि एचईसी की आर्थिक हालत दिनों दिन खराब होती जा रही है। गुरुवार को कंपनी प्रबंधन के खिलाफ एचईसी कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया है। कंपनी में कामगारों और मजदूरों का करीब साढ़े चार महीने का वेतन बकाया है। हालत यह है कि कर्मचारियों के घर खाने-पीने की समस्या पैदा हो गई है। कर्मचारी बता रहे हैं कि पहले वेतन नहीं मिलने पर आस-पड़ोस के दुकानदार उन्हें उधार राशन दे देते थे। मगर अब हालत ऐसी है कि उन्होंने भी राशन देने से मना कर दिया है।

बच्चों की स्कूल फीस नहीं भरने के कारण उन्हें ऑनलाइन क्लास से निकाल दिया गया है। ऐसे में अब प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोलने के अलावा कोई विकल्प नहीं रह गया है। हटिया मजदूर यूनियन सीटू अध्यक्ष के नेता भवन सिंह ने बताया कि कई मजदूरों के घर में खाने का एक दाना तक नहीं है। किसी रिश्तेदार की मदद या आस पड़ोस की दया से जीवन यापन कर रहे हैं। ऐसी दयनीय स्थिति में भी केंद्र सरकार और राज्य सरकार से मदद नहीं मिल रही है।

ऐसे में कंपनी के सभी मजदूर यूनियनों ने मिलकर पेरिविजन कराओ-मजदूर बचाओ, एचईसी बचाओ-मजदूर बचाओ, देश का स्वाभिमान बचाओ अभियान की शुरुआत की है। उन्होंने मजदूरों से आह्वान किया गया कि यदि पे रिवीजन नहीं कराया गया तो मजदूर इस बढ़ती मंहगाई की मार झेल नहीं सकेंगे। प्रबंधन की अक्षमता का आलम यह है कि मजदूरों का चार और ऑफिसरों का पांच महीने का वेतन बकाया हो गया है।

सरकार की उदासीनता यह है कि न तो कार्यशील पूंजी दे रही है और नहीं डिफेंस को ही हैंड ओवर कर रही है। इस सरकार से 20 माह बीतने के बाद भी एक चेयरमैन तक बहाल नहीं कर पा रही है। जो चेयरमैन हैं, वे भी नाम के ही हैं। ऐसे में मजदूर 9 अगस्त को एक वृह्द प्रदर्शन का आयोजन करेंगे। इसके बाद भी अगर सरकार नहीं जागी तो बड़े स्तर पर मजदूर अपनी बात रखने के लिए कड़ा कदम उठाने को स्वतंत्र होंगे।

chat bot
आपका साथी