चौंकिए मत ! यह कूल्‍लू-मनाली नहीं, अपना पलामू है भाई...देखें अनदेखी तस्‍वीरें

सुखाड़ के लिए बदनाम पलामू का नजारा एकदम बदला हुआ था। चारों ओर बर्फ की सफेद चादर बिछी थी। कोयल नदी तट पर जहां देखो वहां ओले पसरे थे। युवाओं व बच्चों ने इस मौसम का खूब लुत्फ लिया।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Wed, 26 Feb 2020 11:18 AM (IST) Updated:Thu, 27 Feb 2020 11:29 PM (IST)
चौंकिए मत ! यह कूल्‍लू-मनाली नहीं, अपना पलामू है भाई...देखें अनदेखी तस्‍वीरें
चौंकिए मत ! यह कूल्‍लू-मनाली नहीं, अपना पलामू है भाई...देखें अनदेखी तस्‍वीरें

रांची। सुखाड़ के लिए बदनाम पलामू का नजारा मंगलवार की सुबह एकदम बदला हुआ था। चारों ओर बर्फ की सफेद चादर बिछी थी। कोयल नदी के तट पर दूर तक जहां देखो वहां ओले पसरे थे। युवाओं व बच्चों ने इस मौसम का खूब लुत्फ लिया। खेले, जमकर सेल्फी ली। कई बुजुर्गों ने कहा कि हमने आज तक पलामू में ऐसा मौसम नहीं देखा। कोयल की रेत उड़ते तो देखी है लेकिन उस पर बर्फ की सफेद चादर पहली बार देखी है।

मंगलवार को तड़के पलामू का मौसम सामान्य ही था। लेकिन कुछ देर बाद 7:45 बजे झमाझम बारिश शुरू हो गई। ठंडी हवा के साथ ओलावृष्टि होने लगी। अंधेरा छा गया। देखते-देखते पूरा क्षेत्र बर्फ की सफेद चादर में ढंक गया। बारिश रुकते ही बच्चों के साथ युवक कोयल नदी की ओर निकल गए। सबके मुंह से बस एक ही बात निकल रही थी कि वाह, आज तो बिना गए कश्मीर की सैर कर ली।

गौरतलब है कि पलामू सुखाड़ के लिए जाना जाता है। गर्मी की शुरुआत होते ही यहां की प्रमुख नदी कोयल सूख जाती है। वहां रेत उडऩे लगती है। पानी के लिए हाहाकार मचता है। किसानों को खेतों के लिए पानी नहीं मिलता। ऐसे पलामू में बर्फ की चादर बिछने से सभी हैरत में पड़ गए।

 

 

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