Jharkhand: विनोबा भावे विश्वविद्यालय के वित्त पदाधिकारी की नियुक्ति मामले में याचिका खारिज

Jharkhand News याचिका में कहा गया है कि विश्वविद्यालय के वित्त पदाधिकारी के रूप में विकास कुमार की अनुशंसा गलत है। क्योंकि वह विज्ञापन के अनुसार सभी अहर्ता को पूरा नहीं करते हैं। जबकि वह शैक्षणिक योग्यता और प्रशासनिक अनुभव सहित अन्य सभी अहर्ता को पूरा करते हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Wed, 02 Dec 2020 10:31 AM (IST) Updated:Wed, 02 Dec 2020 03:09 PM (IST)
Jharkhand: विनोबा भावे विश्वविद्यालय के वित्त पदाधिकारी की नियुक्ति मामले में याचिका खारिज
मंगलवार को इस मामले में बहस पूरी नहीं हो सकी थी।

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट में हजारीबाग के विनोबा भावे विश्वविद्यालय में वित्त पदाधिकारी की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका खारिज हो गई है। आज बुधवार को मामले में सुनवाई के दौरान सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने प्रार्थी की याचिका को खारिज कर दिया।

यह मामला जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध था। अदालत ने माना कि जेपीएससी की ओर से वित्त पदाधिकारी के लिए विकास कुमार की अनुशंसा सही है। वे इस पद के लिए सभी अहर्ता पूरी करते हैं। मंगलवार को इस मामले में बहस पूरी नहीं हो सकी थी। इस संबंध में निशांत कुमार ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

याचिका में कहा गया है कि विश्वविद्यालय के वित्त पदाधिकारी के रूप में विकास कुमार की अनुशंसा गलत है। क्योंकि वह विज्ञापन के अनुसार सभी अहर्ता को पूरा नहीं करते हैं। जबकि वह शैक्षणिक योग्यता और प्रशासनिक अनुभव सहित अन्य सभी अहर्ता को पूरा करते हैं। इसलिए उनकी नियुक्ति की जाए। इस दौरान जेपीएससी के अधिवक्ता संजय पिपरवाल ने अदालत को बताया था कि जेपीएससी की ओर से दोनों लोगों को समान मौका दिया गया था।

एक्सपोर्ट कमेटी की रिपोर्ट के बाद दोनों लोगों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया। साक्षात्कार में विकास कुमार को ज्यादा अंक मिले थे। इसके आधार पर मार्च 2020 में जेपीएससी ने विनोबा भावे विश्वविद्यालय के वित्त पदाधिकारी के रूप में विकास कुमार के नाम की अनुशंसा की है। हालांकि वादी की ओर से बहस पूरी नहीं हो पाई। इसको देखते हुए अदालत ने इस मामले में बुधवार को सुनवाई निर्धारित की थी।

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