7th JPSC के अभ्यर्थियों को बड़ा झटका, हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के फैसले को माना सही, जानें पूरा मामला

सातवीं जेपीएससी परीक्षा में उम्र की सीमा निर्धारण करने के मामले में झारखंड हाई कोर्ट में आज सुनवाई हो रही है। पहले मंगलवार को झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डा. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ में सातवीं जेपीएससी मामले में बहस पूरी नहीं हो सकी थी।

By Vikram GiriEdited By: Publish:Wed, 25 Aug 2021 01:15 PM (IST) Updated:Wed, 25 Aug 2021 03:27 PM (IST)
7th JPSC के अभ्यर्थियों को बड़ा झटका, हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के फैसले को माना सही, जानें पूरा मामला
सातवीं जेपीएससी में उम्र सीमा को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। जागरण

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। सातवीं जेपीएससी परीक्षा में उम्र की सीमा निर्धारण करने के मामले में झारखंड हाई कोर्ट में आज सुनवाई हुई। इस दौरान अभ्यर्थियों को बड़ा झटका लगा। सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकार के उम्र निर्धारण की सीमा को सही माना। कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि अभ्यर्थियों के प्रति हमें सहानुभूति है लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेशों से बधें है। इसलिए अदालत इस मामले में अभ्यर्थियों को अंतरिम राहत नहीं दे सकती है। ऐसे में अपील याचिका खारिज की जा रही है। अदालत ने डिटेल आदेश बाद में पारित करने को कहा।

बता दें कि इससे पहले मंगलवार को झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डा. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ में सातवीं जेपीएससी परीक्षा में उम्र की सीमा निर्धारण करने के मामले में बहस पूरी नहीं हो सकी थी। बता दें कि इस संबंध में रीना कुमारी सहित अन्य ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। पिछली सुनवाई के दौरान वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार, अपराजिता भारद्वाज और कुमारी सुगंधा ने अदालत को बताया कि जेपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षा के लिए वर्ष 2020 में विज्ञापन जारी किया था। इसमें उम्र की सीमा एक अगस्त 2011 रखी गई थी।

लंबे समय से चल रहा कानूनी संघर्ष

जेपीएससी की ओर से जारी किए गए विज्ञापन को लेकर हमेशा से सवाल उठते रहे हैं। सातवीं जेपीएससी का विज्ञापन जारी होने के बाद यह मामला कोर्ट तक पहुंच गया। इस मामले में लंबा कानूनी संघर्ष चला। अभ्‍यार्थियों की ओर से पेश की गई सभी दलीलें कोर्ट ने सुनी। इसके अलावा इस मामले में सरकार का पक्ष भी सुना गया। कोर्ट की ओर से नियमों का हवाला देते हुए इस याचिका को रद किया गया है। हालांक‍ि कानूनी जानकारों की माने तो उम्‍मीदवारों के पास अब भी सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करने का रास्‍ता बचा हुआ है। इसके लिए कोर्ट के पूरे फैसले की प्रति का इंतजार करना होगा।

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