होमगार्ड के भरोसे नहीं हो सकती अदालतों की सुरक्षा, जवानों को दें विशेष प्रशिक्षण

रांची झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डा. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ में राज्य की अदालतों की सुरक्षा को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई। इस दौरान हाई कोर्ट सहित निचली अदालतों की सुरक्षा को लेकर सरकार को तेजी से काम करने का निर्देश दिया गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 08:24 PM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 08:24 PM (IST)
होमगार्ड के भरोसे नहीं हो सकती अदालतों की सुरक्षा, जवानों को दें विशेष प्रशिक्षण
होमगार्ड के भरोसे नहीं हो सकती अदालतों की सुरक्षा, जवानों को दें विशेष प्रशिक्षण

रांची : झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डा. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ में राज्य की अदालतों की सुरक्षा को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई। इस दौरान हाई कोर्ट सहित निचली अदालतों की सुरक्षा को लेकर सरकार को तेजी से काम करने का निर्देश दिया गया। अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि पिछले दिनों हाई कोर्ट के पास पत्थलगड़ी करने बड़ी संख्या में लोग पहुंच गए थे। इसके अलावा, कोर्ट परिसर में पहले भी कई हादसे हो चुके हैं। इसलिए अदालतों की सुरक्षा पर सरकार को गंभीरता दिखानी होगी। होमगार्ड के भरोसे अदालत की सुरक्षा नहीं हो सकती। इस मामले में तत्कालीन गृह सचिव ने शपथपत्र में अब तक जो बातें कही हैं, उसे पूरा कर जल्द लागू करना होगा। अदालत ने सरकार को तीन सप्ताह में प्रगति रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करने का निर्देश दिया है। सुनवाई के दौरान भवन निर्माण सचिव, गृह सचिव, सूचना एवं तकनीक सचिव हाजिर थे।

सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि सरकार ने अदालतों की सुरक्षा के लिए विशेष पुलिस बल गठन करने की बात कही थी, लेकिन अभी तक इस पर क्या हुआ, इसकी जानकारी नहीं दी जा रही है। यदि सरकार स्पेशल फोर्स नहीं बना सकती है, तो कोर्ट की सुरक्षा में लगाए जाने वाले पुलिसकर्मियों को खास प्रशिक्षण देना होगा। क्योंकि, अदालतों में जज, वकील के साथ-साथ मुवक्किलों पर खतरा होता है। इसके अलावा अदालतों में चारदीवारी को भी ऊंचा करने की जरूरत है।

सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि निचली अदालतों में बीएसएनएल की सेवा ली गई है। लेकिन, हमेशा लिक खराब हो जाता है। इस कारण काफी परेशानी होती है। अदालत ने कहा कि सरकार तय करे कि किस निजी कंपनी की सेवा वहां लेकर व्यवस्था को ठीक किया जा सकता है। अदालत ने कहा कि सीसीटीवी कैमरे अदालत परिसर के बाहरी तरफ लगाने के साथ-साथ कोर्ट रूम के अंदर भी लगाने होंगे। कैमरे वॉयस रिकॉर्डिंग के साथ-साथ एचडी क्वालिटी के होने चाहिए। सिविल कोर्ट के कई दफ्तरों में भी सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे, ताकि भ्रष्टाचार पर नजर रखी जा सके। इसके अलावा, हाई कोर्ट के नए भवन में भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाने चाहिए, ताकि भविष्य में कोई परेशानी नहीं हो।

अदालत ने राज्य की निचली अदालतों के सभी दस्तावेज को डिजिटाइज करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि दस्तावेजों को सुरक्षित रखने के लिए डिजिटाइजेशन जरूरी है और सरकार को इस पर भी काम करना होगा, ताकि भविष्य में कोर्ट में पेपरलेस कार्य की ओर तेजी से बढ़ा जा सके। अदालत ने सुरक्षा के लिए बनी राज्यस्तरीय कमेटी में रजिस्ट्रार जनरल और जिलास्तरीय कमेटी में जिला जज को सदस्य बनाए जाने का निर्देश दिया।

--------------

chat bot
आपका साथी