हजारीबाग में नाबालिग छात्रा को एसिड पिलाने की धीमी पुलिस जांच से हाई कोर्ट नाराज

रांची झारखंड हाई कोर्ट ने हजारीबाग में एक नाबालिग को एसिड पिलाने के मामले की धीमी पुलिस जाच पर नाराजगी जताई है। चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ ने शुक्रवार को इस मामले में राज्य के डीजीपी से जाच की अद्यतन स्थिति की जानकारी मांगी है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 11 Jul 2020 03:44 AM (IST) Updated:Sat, 11 Jul 2020 06:13 AM (IST)
हजारीबाग में नाबालिग छात्रा को एसिड पिलाने की धीमी पुलिस जांच से हाई कोर्ट नाराज
हजारीबाग में नाबालिग छात्रा को एसिड पिलाने की धीमी पुलिस जांच से हाई कोर्ट नाराज

रांची : झारखंड हाई कोर्ट ने हजारीबाग में एक नाबालिग को एसिड पिलाने के मामले की धीमी पुलिस जाच पर नाराजगी जताई है। चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ ने शुक्रवार को इस मामले में राज्य के डीजीपी से जाच की अद्यतन स्थिति की जानकारी मांगी है। अदालत ने इस बात पर नाराजगी जताई कि पुलिस अब तक आरोपित को गिरफ्तार नहीं कर सकी है और उससे पॉलीग्राफी टेस्ट पर मंतव्य माग रही है। अदालत ने कहा कि इससे प्रतीत होता है कि पुलिस आरोपित को बचाने का प्रयास कर रही है।

अखबारों में छपी खबर के बाद अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज ने हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखा था, जिस पर संज्ञान लेते हुए अदालत इस मामले में सुनवाई कर रही है। पत्र में कहा गया था कि दिसंबर 2019 में हजारीबाग की एक नाबालिग स्कूली छात्रा को कुछ लोगों ने एसिड पिला दिया था। छात्रा का पटना एम्स और राची के रिम्स में इलाज चल रहा था। एसिड पिलाने के कारण वह दो माह तक कुछ बोल नहीं पा रही थी। इसी मामले में 19 जून को अदालत ने राज्य के डीजीपी को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था।

शुक्रवार को डीजीपी की ओर से अदालत में शपथपत्र दाखिल किया गया। इसमें अभी भी अभियुक्त के फरार होने की बात कही गई है। शपथपत्र में कहा गया था कि आरोपित की पॉलीग्राफी टेस्ट कराने के लिए मंतव्य लिया जाएगा। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की और कहा कि पुलिस अभी तक आरोपित को गिरफ्तार नहीं कर सकी है और पॉलीग्राफी टेस्ट की बात कह रही है। पुलिस द्वारा यह कहा जाना कि जांच अभी जारी है, संतोषजनक नहीं है। अदालत ने अगले सप्ताह डीजीपी को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

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