अदालतों की सुरक्षा में लापरवाही पर हाई कोर्ट नाराज

रांची झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डा. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ में राज्य की अदालतों की सुरक्षा को लेकर दाखिल याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। इस दौरान हाई कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं करने और अदालतों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए जाने पर अदालत ने नाराजगी जताई।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Jan 2021 08:00 PM (IST) Updated:Fri, 22 Jan 2021 08:00 PM (IST)
अदालतों की सुरक्षा में लापरवाही पर हाई कोर्ट नाराज
अदालतों की सुरक्षा में लापरवाही पर हाई कोर्ट नाराज

रांची : झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डा. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ में राज्य की अदालतों की सुरक्षा को लेकर दाखिल याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। इस दौरान हाई कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं करने और अदालतों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए जाने पर अदालत ने नाराजगी जताई। इस दौरान अदालत ने कहा कि सुरक्षा के मसले पर अदालत कोई कोताही बर्दाश्त नहीं करेगी। अदालतों की सुरक्षा में लापरवाही और कोर्ट परिसर की सुरक्षा के लिए सुप्रीम और हाई कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं करना अदालत की अवमानना का मामला भी बनता है। अदालत ने पांच फरवरी को राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव, आइटी सचिव और भवन निर्माण सचिव को वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से अदालत में हाजिर होने का निर्देश दिया।

कोर्ट ने इन अधिकारियों से पूछा है कि अदालत परिसर की सुरक्षा के लिए अदालत के निर्देश का कितना पालन किया गया है और सरकार सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाने जा रही है। इस संबंध में अधिवक्ता हेमंत सिकरवार ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है। दरअसल, कुछ साल पहले जमशेदपुर और हजारीबाग न्यायालय परिसर में हुई गोलीबारी में लोगों की मौत के बाद कोर्ट परिसर की सुरक्षा के लिए जनहित याचिका दाखिल की गई थी। इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने सरकार को कोर्ट की सुरक्षा सख्त करने का निर्देश दिया था। सभी अदालतों में मेटल डिटेक्टर, सीसीटीवी कैमरा, सुरक्षाकर्मियों की पर्याप्त तैनाती और अनावश्यक लोगों को प्रवेश पर प्रतिबंध का निर्देश दिया गया था। सरकार की ओर से भी कोर्ट परिसर की सुरक्षा के लिए पुलिस का एक अलग कैडर बनाने की बात शपथपत्र में कही थी, लेकिन इसका अभी तक पालन नहीं किया गया है। प्रार्थी की ओर से बताया गया कि कई कोर्ट की चारदीवारी भी नहीं है। इस पर अदालत ने नाराजगी जाहिर की।

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गुणवत्ता वाले लगाएं सीसीटीवी कैमरे :

सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि सुरक्षा को लेकर सरकार की ओर से अब तक कदम नहीं उठाया जाना अदालत की अवमानना का मामला बनता है। झारखंड के सभी अदालतों में बेहतर गुणवत्ता वाले सीसीटीवी कैमरे लगने चाहिए, जिसमें वीडियो के साथ-साथ ऑडियो रिकॉर्डिंग की भी सुविधा हो।

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