Jharkhand: नौकरी से हटाए गए पुलिसकर्मियों के मामले में दो सप्ताह बाद होगी सुनवाई

झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डा रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में नौकरी के एक साल बाद हटाए गए पुलिसकर्मियों की अपील याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान राज्य सरकार की ओर से समय देने की मांग की गई जिसे अदालत ने स्वीकार लिया।

By Vikram GiriEdited By: Publish:Tue, 20 Jul 2021 09:15 AM (IST) Updated:Tue, 20 Jul 2021 09:15 AM (IST)
Jharkhand: नौकरी से हटाए गए पुलिसकर्मियों के मामले में दो सप्ताह बाद होगी सुनवाई
Jharkhand: नौकरी से हटाए गए पुलिसकर्मियों के मामले में दो सप्ताह बाद होगी सुनवाई। जागरण

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डा रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में नौकरी के एक साल बाद हटाए गए पुलिसकर्मियों की अपील याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान राज्य सरकार की ओर से समय देने की मांग की गई जिसे अदालत ने स्वीकार लिया। पूर्व में इस मामले में अदालत ने राज्य सरकार को केस से संबंधित कुछ दस्तावेज अदालत के रिकॉर्ड पर लाने को कहा है। लेकिन सरकार की ओर से अभी उक्त दस्तावेज अदालत में दाखिल नहीं किए गए हैं। इस मामले में दो सप्ताह बाद सुनवाई होगी।

जेएसएससी की ओर से वर्ष 2015 में पुलिस कांस्टेबल की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला गया था। वर्ष 2017 में सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद अभ्यर्थियों की नियुक्ति कर दी गई। इस बीच कुछ अभ्यर्थियों ने नियुक्ति में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की। सुनवाई के बाद अदालत ने इस मामले में एक उच्चस्तरीय मेडिकल बोर्ड के गठन का आदेश दिया और सभी सफल अभ्यर्थियों की दोबारा मेडिकल जांच कराने को कहा। इसके बाद उन सभी अभ्यर्थियों का उच्चस्तरीय मेडिकल बोर्ड में मेडिकल टेस्ट कराया गया, जिनको कट ऑफ मार्क्स से ज्यादा अंक प्राप्त किए थे।

मेडिकल बोर्ड की जांच में नियुक्त हुए कई अभ्यर्थी अनफिट पाए गए। अनफिट पाए गए पुलिसकर्मियों को सरकार ने नियुक्ति के एक साल बाद हटाने का आदेश दिया। उन लोगों ने एकल पीठ में इस मामले को चुनौती दी, लेकिन एकल पीठ ने भी सरकार हटाने के निर्णय को सही बताते हुए इनकी याचिका खारिज कर दी। अब अभ्यर्थियों ने एकल पीठ के आदेश को खंडपीठ में चुनौती दी है। हटाए गए अभ्यर्थी धीरज कुमार सहित अन्य की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया कि उनका बिना पक्ष जाने ही राज्य सरकार ने उन्हें हटाने का आदेश जारी कर दिया है। वहीं, जेएसएससी के अधिवक्ता संजय पिपरवाल व प्रिंस कुमार सिंह ने कहा कि उन्हीं लोगों की नियुक्ति की गई है, जिन्हें उच्चस्तरीय मेडिकल बोर्ड में फिट पाया गया है।

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