खतरे के निशान तक पहुंचा हटिया डैम का जलस्तर, गेट खोलने की सूचना पर ग्रामीणों में आक्रोश Ranchi News

Hatia Dam Ranchi Jharkhand Hindi News बताया गया कि वर्षों पहले हटिया डैम का गेट खोलने की मशीन चोरी हो गई। गेट खोलने के लिए यहां लोहे की जंजीर लगाई गई है। भारी बारिश के कारण डैम के ओवरफ्लो होकर बहने के बाद दो वोल्‍व खोले गए हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 05:57 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 06:15 PM (IST)
खतरे के निशान तक पहुंचा हटिया डैम का जलस्तर, गेट खोलने की सूचना पर ग्रामीणों में आक्रोश Ranchi News
बताया गया कि वर्षों पहले हटिया डैम का गेट खोलने की मशीन चोरी हो गई।

रांची, जासं। रांची में लगातार हो रही बारिश के कारण हटिया डैम का जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंच गया है। विगत पांच दिनों के अंदर डैम का जलस्तर बढ़कर 38 फीट तक पहुंच गया। जबकि डैम का जलस्तर 39 फीट का है। अगर बारिश का दौर ऐसे ही जारी रहा तो यह खतरे के निशान को पार कर सकता है। इधर, बारिश की संभावना को देखते हुए पेयजल व जल संसाधन विभाग द्वारा डैम के एक नंबर गेट में दोनों छोर पर लोहे की मोटी जंजीर लगा दी गई है, ताकि ज्‍यादा बारिश होने पर गेट को खोला जा सके।

इधर, बताया गया कि 15 साल तक गेट नहीं खोलने के कारण वह जाम हो गया है। इस वजह से गेट नहीं खुल पा रहा है। दोपहर तक गेट को खोलने की चर्चा थी। लेकिन विभागीय सूत्रों के मुताबिक अगर बारिश हुई तो गेट खोला जा सकता है। फिलहाल तैयारी की जारी है। इधर, ग्रामीणों का कहना है कि गेट को खोलने वाली मशीन 10-15 साल पहले ही चोरी हो गई है। लेकिन विभाग लापरवाह बना रहा।

खोले गए दो वाल्व

इधर, गुरुवार की सुबह हुई भारी बारिश के कारण डैम ओवरफ्लो होकर बहने लगा। बताया गया कि लगभग 15 साल बाद ऐसी स्थिति देखने को मिल रही है। खतरे को देखते हुए पानी को निकालने के लिए विभाग द्वारा चार दिन पहले एक वाल्व 12 इंच तक खोला गया था। जबकि गुरुवार को हुई बारिश के बाद सुबह 30 इंच तक एक और वाल्व खोला गया। दोनों वाल्व खोल देने से डैम का पानी गेट के नीचे बने नाला से होते हुए हटिया फिल्टर स्‍टेशन प्लांट की ओर बहते हुए धुर्वा इलाके में बह रहा है। इससे कई स्थानों पर जल जमाव हो गया है।

सिठियो के ग्रामीणों में आक्रोश

डैम का गेट खोलने की सूचना मिलते ही सिठियो के ग्रामीण आक्रोशि‍त हो गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि विगत 15 वर्षों से डैम का गेट नहीं खोला गया। जबकि पहले प्रतिवर्ष अगस्त से सितंबर के दौरान गेट खोलकर पानी निकाला जाता था। इधर, खेत में धान की फसल तैयार हो गई है। अब पानी छोड़ा गया तो फसलों को नुकसान होगा। ऐसे में विभाग को नुकसान की भरपाई करनी होगी।

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